साल २००५ से २००७ के बीच दुनिया में गेंहूं, चावल और तेलहन के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है और इन चीजों के दामों में साल २००८ की पहली छमाही में भी बढ़ोतरी जारी रही।ओईसीडी(आर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी दस सालों में चावल-गेहूं सहित बाकी अनाज और तेलहन में पिछले दशक के मुकाबले १० से ३५ फीसदी की बढ़ोतरी होगी।...
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उधार के राशन से पक रहा मिड-डे-मील
करनाल. मिड डे मील के लिए अध्यापकों को राशन राशि की दरकार है। मार्च माह के बाद से मिड डे मील के खातों में एक पैसा नहीं भेजा गया है। हालात ये है कि पिछले पांच माह से उधार के राशन से मिड डे मील पकाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने प्राथमिक स्कूलों के बाद पिछले साल से मिडल स्कूलों में भी मिड डे मील योजना शुरू की हुई...
More »150 करोड़का अनाज खा जाते हैं फरजी बीपीएल कार्डधारी
रांची : राज्य सरकार की ओर से कराये गये सर्वे के अनुसार, झारखंड में छह लाख 86 हजार 593 लोगों के पास फरजी राशन कार्ड हैं. ये ऐसे लोग हैं, जिनके परिवार की सालाना आमदनी एक लाख रुपये से भी अधिक है. फिर भी पहुंच व पैरवी के बल पर इन लोगों ने बीपीएल कार्ड बनवा रखा है. इन्हीं के दबाव में आज तक इनके फरजी कार्ड रद्द नहीं हो...
More »का बरसा जब कृषि सुखाने...
कहावत है कि का बरसा जब कृषि सुखाने और इस कहावत से सीख लेते हुए मानसून की पिछात बारिश में मारे खुशी के फूलकर कुप्पा होने से पहले यह सोचना जरुरी है कि आखिर नुकसान कितना हो चुका है। नुकसान हुआ है और भरपूर हुआ है। देश के खेतिहर इलाके के ६० फीसदी हिस्से पर, खासकर उत्तर-पश्चिमी हिस्से में, इस बार रबी की फसल नहीं काटी जा सकेगी और ये...
More »हरित क्रांति का जनक
आज हमारे अन्न भंडार भरे हुए हैं। देश ने पिछले साल रेकॉर्ड 73.5 मिलियन टन गेहूं पैदा किया है। अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन ई. बोरलॉग नहीं रहे, पर इसका बहुत कुछ श्रेय उन्हें भी जाता है। भारत और पाकिस्तान समेत कई और विकासशील देशों को अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में उनके द्वारा शुरू किए गए कृषि नवाचारों का योगदान रहा है। साठ के दशक में जब तत्कालीन...
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