धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः, मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय. धृतराष्ट्र ने पूछा और संजय सारा कुछ बताते गये कि महाभारत के धर्मयुद्ध में क्या-क्या धर्म-अधर्म हुआ. श्रीकृष्ण तक के छल और युधिष्ठिर तक के अर्धसत्य का वर्णन उन्होंने किया. फिर भी पांडव अंततः जीत गये. लेकिन बाजार की कोई कितनी भी आलोचना कर ले, वहां झूठ का तिलिस्म ज्यादा नहीं चलता. याद करें, करीब सात साल पहले जब 7 जनवरी, 2009...
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जॉब मार्केट का बदलता चेहरा-- संदीप मानुधने
हाल ही में, एक बड़ी रोचक घटना हुई. भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान आइआइएम अहमदाबाद ने कड़ा ऐतराज जताते हुए फ्लिपकार्ट नामक एक बड़ी ऑनलाइन कॉमर्स कंपनी से अपने कैंपस से चयनित छात्रों को देरी से 'ज्वॉइनिंग' कराने पर तुरंत नौकरी पर रखने एवं बकाया वेतन देने की मांग कर डाली! देखने में यह एक संस्थान और एक निजी कंपनी के बीच का मामला लगता है, लेकिन गहराई से विश्लेषण...
More »बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
More »स्त्री का मिथक गढ़ता टीवी-- सुजाता
एक वयस्क व्यक्ति से पूछा जानेवाला सबसे वाजिब सवाल है कि वह अपने जीवन का क्या करना चाहता है. लेकिन, भारतीय स्त्री को कभी इतना वयस्क समझा नहीं गया कि उससे यह सवाल पूछा जाये. बचपन से लेकर शादी के बाद तक उसे इस सवाल का जवाब खुद तलाशने की न इजाजत होती है न अवसर. उसे क्या बनना है और क्या करना है- यह परिवार, समाज, धर्म, स्कूल जैसी...
More »जरूरी है विदेशी निवेश की जांच-- डा. भरत झुनझुनवाला
दुनिया के तमाम नेताओं और फिल्मी हस्तियों के नाम पनामा पेपर्स में उजागर हुए हैं. जवाब में ज्यादातर ने कहा कि उन्होंने कोई गैर कानूनी काम नहीं किया है. मूल रूप से इनके वक्तव्य सही हैं. हमारे देश के कानून के अनुसार, पनामा में कंपनी को पंजीकृत कराना और वहां व्यापार करना गलत नहीं है. गलत तब होता है, जब पनामा की कंपनी का उपयोग भारत में टैक्स की चोरी...
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