-डाउन टू अर्थ, मूलरूप से बिहार के पूर्णिया जिले में रहने वाले सुरेश वर्मा आठ साल पहले बेहतर जिंदगी की तलाश में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद आए थे। शुरू में उन्होंने एक फैक्ट्री में नौकरी की लेकिन चार साल पहले फैक्ट्री में छंटनी के कारण उनकी नौकरी चली गई। नौकरी छूटते ही उन्होंने पहले मजदूरी और फिर राजमिस्त्री का काम शुरू कर दिया। लॉकडाउन ने उनका यह काम भी छीन लिया। उनके...
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क्यों भारत ही नहीं पूरी दुनिया को लॉकडाउन से जल्द निजात मिलना मुश्किल है
-सत्याग्रह, दुनिया पर कोरोना वायरस की मार जारी है. इसके संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा दो लाख पार कर चुका है. 30 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में हैं. संकट को काबू करने की कोशिशें जारी हैं. इसके लिए जो उपाय अपनाए जा रहे हैं उनमें से एक लॉकडाउन भी है. लोगों के घर से बाहर निकलने पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. एक अनुमान के...
More »भारत में कोरोना वायरस से 24 घंटे में अब तक सबसे ज्यादा मौतें
-सत्याग्रह, देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1543 नए मामले सामने आए हैं. इसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 29,435 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे में 62 लोगों की मौत भी हुई है. यह इस अवधि में कोरोना वायरस से अब तक दर्ज मौतों की सबसे बड़ी संख्या है. इसके साथ ही मरने वालों का कुल आंकड़ा 934 पहुंच गया...
More »हरियाणा: लॉकडाउन की भारी क़ीमत चुका रहे नूंह के ये ग़रीब परिवार
द वायर, देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि 19 दिनों तक बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने गरीबों को हो रही तकलीफों पर खेद जताया था. समाज का मिडिल क्लास तमाम चुनौतियों को झेलने के बावजूद भी इसे जरूरी क़दम बता रहा है. यह मिडिल क्लास उन तकलीफों को नहीं समझ रहा, जिससे बेघर मजदूर और गरीब लोग गुजर रहे हैं. ये लोग भूख से उपजी तड़प को नहीं समझते. देश का हर वंचित तबका इस...
More »"सरकार का पैसा वापस चला जाएगा"... इस अफवाह ने बढ़ा रखी है बैंकों के बाहर भीड़?
-गांव कनेक्शन, तेज धूप के बाद एकाएक बारिश शुरु हो गई थी, लेकिन आशा देवी बैंक के बाहर लगी लाइन में खड़ी रहीं। उन्होंने अपना विड्राल फार्म पासबुक के अंदर रखकर पल्लू में छिपा लिया। आशा को न धूप से दिक्कत थी न बारिश से और ना ही भीड़ के चलते कोरोना से संक्रमित होने की आशंका, उन्हें अपने 500 रुपए की चिंता थी, जो सरकार ने उनके जनधन खाते में...
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