रायपुर। छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीकॉस्ट) की केंद्रीय प्रयोगशाला तीन साल में एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सकी। 10 करोड़ के उपकरण और 22 वैज्ञानिकों की मेहनत का कोई नतीजा अब तक सामने नहीं आया है। प्रयोगशाला की स्थापना वर्ष 2007 में की गई। परिषद में 22 वैज्ञानिकों की टीम काम कर रही है। प्रयोगशाला में 10 करोड़ से भी ज्यादा के शोध उपकरण हैं। इनमें 50 लाख कीमत...
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‘भारतीय राजनीति के दाधीच थे सुरेंद्र मोहन’
नई दिल्ली.प्रख्यात समाजवादी नेता, विचारक और आपातकाल के बाद गठित जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक स्व. सुरेंद्र मोहन को गुरुवार को राजधानी के कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित स्मृति सभा में समाजवादियों, वामपंथियों व सामाजिक संघर्ष से जुड़े संगठनों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी तो उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए रो पड़े और स्व. उप-राष्ट्रपति कृष्णकांत की पत्नी सुमन कृष्णकांत का गला भर्रा गया।...
More »किशाऊ प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से मिली मंजूरी
शिमला। राष्ट्रीय महत्व की एक बड़ी जल विद्युत परियोजना किशाऊ डैम को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। दिल्ली में हुई बठक में परियोजना पर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्यों को मिलकर काम करने की मंजूरी दी गई है। यह बिजली परियोजना करीब चार दशक से लंबित पड़ी थी। केंद्र सरकार के अनुसार इस परियोजना पर दोनों राज्य मिलकर काम कर सकते हैं या फिर इसका निर्माण किसी ...
More »' हमारी 108 ने दुनिया के सारे रिकार्ड तोड़े हैं '
नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी और भुवन चंद्र खंडूड़ी के बाद डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ राज्य के पांचवें मुख्यमंत्री हैं. पिछले 10 सालों में ‘राज्य की दशा और दिशा’ पर उन्होंने मनोज रावत से बात की अलग राज्य बनने के बाद दस वर्षों का क्या अनुभव है? मैं सोचता हूं कि इन वर्षों को राज्य के सुखद और आशाओं से भरे समय के रूप में देखा जा सकता...
More »गांधी के सिवा कोई रास्ता नहीं है -- सच्चिदानंद सिंहा से आलोक प्रकाश पुतुल की बातचीत
सच्चिदानंद सिंहा भारत के उन चुनिंदा विचारकों में हैं, जो अपने समय से लगातार मुठभेड़ करते रहते हैं. 81 साल की उम्र में भी लगातार सक्रिय सच्चिदानंद सिंहा मानते हैं कि भारत में आने वाले दिनों में अगर किसी नये समाज का निर्माण करना है तो समाजवादी विचारकों को गांधी की कुछ बातों को स्वीकारना ही होगा. उनसे कुछ सामयिक मुद्दों पर की गई बातचीत यहां प्रकाशित की जा रही...
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