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दस जिलों में लागू होगा आजीविका मिशन

भोपाल। स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाकर उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदेश के दस जिलों में लागू होगा। इनमें मण्डला, डिण्डौरी, बालाघाट, शहडोल, अनूपपुर, श्योपुर, धार, झाबुआ, बड़वानी और अलीराजपुर शामिल हैं। इस मिशन का क्त्रियान्वयन राज्य आजीविका फोरम द्वारा किया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को यहाँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित राज्य आजीविका फोरम की साधारण सभा की बैठक...

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छत्तीसगढ़ में 10 लाख ग्रामीणों को मिला रोजगार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत सात दिनों में 10 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहा बताया कि महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत छत्तीसगढ़ में सात जून से 12 जून तक 23 हजार 274 निर्माण कार्य संचालित किए गए। इनसे 10 लाख 89 हजार 905 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हुआ। ...

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बढ़ते गरीब और बेमानी बहस - अश्वनी कुमार

देशभर के शहरों में रहनेवाले गरीबों के आंकड़े जुटाने के लिए एक जून से सात माह का सर्वे शुरू हो चुका है. इसके साथ ही गरीबों की पहचान के मानदंड पर बहस भी फ़िर छिड़ गयी है. यह विडंबना ही है कि तमाम योजनाओं के बावजूद गरीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है. शहरी गरीबों की गणना की खबरों के साथ ही गरीबी को लेकर जारी बहस फ़िर छिड़ गयी है....

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ग्रेनो: हाईकोर्ट ने किया जमीन अधिग्रहण रद्द, चंदौली में किसानों ने सजाईं चिताएं- विजय उपाध्याय

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महीने में लगातार अपने तीसरे आदेश में ग्रेटर नोएडा में तत्काल महत्व की औद्योगिक जरूरतों के नाम पर 170 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया है। इस बार दादरी तहसील के गुलिस्तापुर के 550 किसानों को राहत मिली है। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी व न्यायमूर्ति केएन पांडेय की खंडपीठ ने 58 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 2007-08 में ग्रेटर नोएडा के...

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मेहनतकश की मजदूरी का सवाल : हर्ष मंदर

‘खेतों और फैक्टरियों में काम करने वाले हर मजदूर और कामगार को कम से कम इतना अधिकार तो है ही कि वह इतनी मजदूरी पाए कि अपना जीवन सुख-सुविधा से बिता सके..।’ वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण दे रहे जवाहरलाल नेहरू ने यह बात कही थी। इसके नौ दशक बाद स्वतंत्र भारत की केंद्र सरकार ने कहा कि लोककार्य के लिए कानून द्वारा स्थापित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान...

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