भूख और कुपोषण पर नज़र रखने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की ताज़ा रिपोर्ट में भारत की स्थिति को पाकिस्तान और श्रीलंका से भी बदतर बताया गया है. इस सूची में भारत 67वें नंबर पर है जबकि पड़ोसी पाकिस्तान का नंबर 52वाँ है. श्रीलंका में हालात और बेहतर हैं और उसका नंबर 39वाँ है. अमरीका स्थित इंटरनेशनल फ़ूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 122 विकासशील देशों के आँकड़ों के आधार पर एक भूख सूचकांक...
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मणिपुर के बच्चे कहाँ जाएं
मणिपुर में उग्रवाद और उग्रवाद के विरोध में जारी हिसंक गतिविधियों के चलते बीते कई दशकों से बच्चे हिंसा की कीमत चुके रहे हैं. यह सीधे तौर से गोलियों और अप्रत्यक्ष तौर से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण की तरफ धकेले जा रहे हैं. राज्य में स्थितियां तनावपूर्ण होते हुए भी कई बार नियंत्रण में तो बन जाती हैं, मगर स्कूल और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी ढ़ांचे कुछ इस तरह से चरमराए हैं...
More »बच्चों की कब्रगाह है मेलघाट-शिरीष खरे
विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
More »ग्लोबल वार्मिंग से चावल का उत्पादन घटा, भूख से मारेगी बढ़ती गर्मी
नई दिल्ली. धरती के बढ़ते तापमान (ग्लोबल वार्मिंग)के जो भी बुरे नतीजे होने वाले हैं, उनमें एक और बुरी चीज जुड़ गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते धरती के तापमान में हो रही बढ़ोतरी की वजह से एशियाई देशों में चावल की पैदावार लगातार घट रही है। एशिया चावल का प्रमुख उत्पादक देश है। यहां के लोगों का मुख्य अनाज भी चावल है। चावल की कमी के...
More »पालीथीन खा रहे हिरण, मारे फिर रहे चीतल-सांभर
बगहा [प.चंपारण, संजय कुमार उपाध्याय]। राज्य की इकलौती व्याघ्र परियोजना वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में हरित भूमि [ग्रास लैंड] की कमी से जंगल का कानून तो धराशायी हो ही गया है, इको टूरिज्म के फेल होने का भी खतरा बढ़ गया है। घास नहीं मिलने से जानवरों के समक्ष भूखे मरने की नौबत आ गई है। शाकाहारी जानवर पर्यटकों की फेंकी पालीथीन खाकर जीवन जोखिम में डाल रहे हैं तो मांसाहारी जानवरों को...
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