कवायद - कपास की कीमतों में आई तेजी पर रोक लगाना मकसद पैदावार में गिरावट कृषि मंत्रालय के अनुसार कपास की पैदावार 338 लाख गांठ होने का अनुमान है पिछले साल पैदावार 352 लाख गांठ की हुई थी चालू फसल सीजन में अभी तक हो चुका है 80 लाख गांठ का निर्यात सीसीआई द्वारा चालू सीजन में 23 लाख गांठ कपास की गई है खरीद खुले बाजार में सरकारी कपास की बिक्री पर फैसला अब केंद्रीय...
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नकद पैसे का खेल- बनवारी
जनसत्ता 14 फरवरी, 2013: मनमोहन सिंह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि गरीबी एक आर्थिक और राजनीतिक समस्या के बजाय अब केवल वित्तीय समस्या रह गई है। केंद्र सरकार की प्राथमिक चिंता अब न बेरोजगारी है, न महंगाई। देश की इन दो सबसे बड़ी समस्याओं से मुंह चुराने का उसने एक आसान उपाय निकाल लिया है। देश के गरीब लोगों के हाथ में दमड़ी रख दो; इससे सरकार के कल्याणकारी...
More »हरित क्रांति के लिए बीज अहम : परोदा
बढ़ती आबादी की खाद्यान्न मांग को पूरा करने के लिए बीज सेक्टर के विकास को राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। कृषि क्षेत्र में दूसरी हरित क्रांति के लिए बीज की एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। गुडग़ांव में इंडियन सीड कांग्रेस में हरियाणा किसान आयोग के अध्यक्ष आर एस परोदा ने कहा कि...
More »अच्छा आर्थिक माहौल देने में पंजाब 12 वें स्थान पर
अच्छा आर्थिक माहौल देने में पंजाब 12 वें स्थान पर चंडीगढ़. निवेश की संभावनाएं आंकने वाले इकोनॉमिक्स फ्रीडम इंडेक्स (इएफआई) में पंजाब देश के बीस बड़े राज्यों में 12वें स्थान पर लुढ़क गया है। हालांकि, पिछले दो साल ने पंजाब न तो ग्रोथ की है और न ही नीचे आया है, लेकिन कई दूसरे राज्यों ने तेजी से विकास कर उसे पीछे छोड़ दिया है। किसी समय नंबर वन रहे पंजाब के...
More »पत्रकारों के लिए इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप 2012-13- आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ायी गई
(आवेदन की अंतिम तिथि- 31 दिसंबर, सोमवार, 2012) विकासशील समाज अध्ययन पीठ( सीएसडीएस) की एक परियोजना इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की तरफ से इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप 2012-13 के लिए पत्रकारों से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में आवेदन आमंत्रित हैं। फैलोशिप का उद्देश्य ग्रामीण-विकास पर ध्यान खींचना है, खासकर सशक्तीकरण, विकेंद्रीकरण, कन्वर्जेंस तथा पंचायतों और स्थानीय निकायों द्वारा मौजूदा स्कीमों के बेहतर इस्तेमाल के जरिए होने वाले ग्रामीण विकास पर। इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज ग्रामीण भारत से संबंधित सूचनाओं, विचारों...
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