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चर्चा में.... | पत्रकारों के लिए इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप 2012-13- आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ायी गई

पत्रकारों के लिए इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप 2012-13- आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ायी गई

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published Published on Nov 11, 2012   modified Modified on Dec 14, 2012

 

(आवेदन की अंतिम तिथि- 31 दिसंबर, सोमवार, 2012)

विकासशील समाज अध्ययन पीठ( सीएसडीएस) की एक परियोजना इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की तरफ से इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप 2012-13 के लिए पत्रकारों से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में आवेदन आमंत्रित हैं। फैलोशिप का उद्देश्य ग्रामीण-विकास पर ध्यान खींचना है, खासकर सशक्तीकरण, विकेंद्रीकरण, कन्वर्जेंस तथा पंचायतों और स्थानीय निकायों द्वारा मौजूदा स्कीमों के बेहतर इस्तेमाल के जरिए होने वाले ग्रामीण विकास पर। इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज ग्रामीण भारत से संबंधित सूचनाओं, विचारों और विकल्पों का एक भंडारघर (www.im4change.org) चलाता है। इसके अतिरिक्त यह परियोजना शोध-अध्ययन और मीडिया-कार्यशाला का आयोजन करती है।

 

 फैलोशिप के लिए चयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे एक खास अवधि ग्रामीण समुदाय के बीच बितायेंगे और जमीनी स्तर के जिन मुद्दों को व्यापक कवरेज से  लोगों की निगाह में लाना जरुरी है उन मुद्दों पर अख़बार, रेडियो या टेलीविजन के लिए वे क्रमवार कथाओं का लेखन या निर्माण करेंगे। फैलोशिप के लिए चयनित प्रत्येक अभ्यर्थी को  इस एवज में दी जाने वाली रकम(यात्रा-व्यय एवं अन्य आकस्मिक खर्च सहित) की अधिकतम सीमा 150000 रुपये है। यह राशि अभ्यर्थियों को चयनित मुद्दे की समझ बढ़ाने, दैनंदिन कार्यों से छुट्टी लेकर ग्रामीण इलाके में कम से कम आठ हफ्ते बिताने के लिए दी जा रही है।अपेक्षा की जाती है कि इस रकम से समाचार/कथाओं को एकत्र करने और इससे संबंधित अन्य खर्च की भरपाई हो जाएगी। फैलोशिप के लिए हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के चयनित अभ्यर्थियों की संख्या कुल मिलाकर 10 तक हो सकती है।
 
इस फैलोशिप के लिए अखबार/मैगजीन / रेडियो या टीवी के लिए काम करने वाला हर पत्रकार भारत के ग्रामीण विकास और कृषि-संकट से संबंधित विषय पर आवेदन कर सकता है। बहरहाल, फैलोशिप के लिए मुख्यधारा की मीडिया से जुड़े अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी।जो पत्रकार-बंधु बहुचर्चित मीडिया वेबसाइट के लिए कार्यरत हैं वे भी इस फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन न्यूज-मीडिया वेबसाइट से जुड़े अभ्यर्थियों के बीच दी जाने वाली फैलोशिप की अधिकतम संख्या किसी भी स्थिति में दो से ज्यादा नहीं होगी।  फैलोशिप के लिए अभ्यर्थी को ग्रामीण इलाके में जीविका की स्थिति, खेतिहर संकट, भुखमरी और कुपोषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पंचायतों के द्वारा विकेंद्रित आयोजना के सफल क्रियान्वयन से संबंधित घटनाओं/ मुद्दों / सकारात्मक पहल / विकल्प आदि को विषय या परियोजना-प्रस्ताव के रुप में चुनना होगा। दी जाने वाली फैलोशिप में प्रत्येक संवर्ग(हिन्दी और अंग्रेजी) में अधिकतम दो को जीन कंपेन / सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की तरफ से प्रायोजित किया जा रहा है और ये प्रायोजित फैलोशिप भुखमरी/ कुपोषण और अपवर्जन या सकारात्मक पहल के द्वारा इनके उन्मूलन जैसे विषय के लिए आरक्षित हैं। फैलोशिप के अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि उसे ग्रामीण विकास से जुड़े मुद्दों में गहरी रुचि होगी और वह खुले दिमाग से अपनी कथाओं के लिए प्राथमिक स्तर की सूचना एकत्र करने के उद्देश्य से ग्रामीण इलाके में सहर्ष समय बिताएगा। 

चयन के बाद अभ्यर्थियों को परियोजना प्रस्ताव को और भी बेहतर बनाने का अवसर दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को सकारात्मक पहल और संविधान वर्णित विकेंद्रीकरण के इर्द-गिर्द तथा सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन और ग्रामीण विकास के नतीजे दिखाने के साथ-साथ आम ग्रामीण के सशक्तीकरण के मुद्दे से जुड़ी कथाओं के लेखन के लिए बढ़ावा दिया जाएगा।

चयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी परियोजना का अंतिम परिणाम रिपोर्टों, आलेखों, रेडियो-टीवी के पैकेज के रुपाकार में प्रस्तुत करेंगे। अभ्यर्थी जिस मीडिया-प्लेटफार्म से संबद्ध है, परियोजना की प्रस्तुतियां वहीं से प्रकाशित-प्रसारित होनी चाहिए साथ ही प्रस्तुतियों में सीएसडीस की इन्कूलिसिव मीडिया परियोजना का हवाला दिया जाना चाहिए। अधिकतम आठ हफ्ते की इस फैलोशिप में दो से चार हफ्ते समाचार-सामग्री एकत्र करने के लिए रखे गए हैं और शेष हफ्ते लेखन-प्रोड्क्शन-संपादन या फिर एकत्र सूचनाओं को सुसंबद्ध विन्यास देने के लिए।

मीडिया संगठनों में कार्यरत सभी पेशेवर पत्रकार और फ्रीलांसर( किसी प्रकाशन समूह या मीडिया संस्थान से प्रकाशन-प्रसारण का वायदापत्र प्रस्तुत करने पर)इस फैलोशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। हैं। अभ्यर्थी को मीडिया संस्थान से इस आशय का वादा प्रस्तुत करना होगा कि फैलोशिप के अन्तर्गत तैयार की गई सामग्री को संस्थान अपने मनचीते रुप ( रिपोर्टोंमाला, यात्रा-वृतान्त, संपादकीय या ऑप-एड पन्ने के आलेख, डाक्यूमेंट्री फिल्मया रेडियो-टीवी पैकेज) में प्रकाशित-प्रसारित करेगा। जिन आवेदनों के साथ संपादक का प्रकाशन-प्रसारण से संबंधित वादापत्र नहीं होगा, उन पर विचार नहीं किया जाएगा।

फैलोशिप के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर(सोमवार)2012 है। अभ्यर्थियों का चयन विकास के मुद्दे पर सक्रिय जाने-माने विचारक और पत्रकारों के निर्णायक-मंडल द्वारा किया जाएगा। फैलोशिप के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली राशि का कुछ हिस्सा परियोजना के प्रारंभ में शुरुआती शोध-व्यय या यात्रा आदि मदों में होने वाले खर्चे के लिए दिया जाएगा। फैलोशिप की शेष रकम परियोजना के पूरे होने के प्रमाण प्रस्तुत करने पर दी जाएगी। फैलोशिप की रकम देन के पीछे मंशा समाचार-सामग्री को एकत्र करने में हुए हरसंभव व्यय की भरपाई करने का है, इसे किसी किस्म का वेतन या मानदेय ना समझा जाय। 


अभ्यर्थी आवेदन-पत्र के साथ अपना CV ( ए-4 साइज के 3 पन्नों से अधिक नहीं) भेजें और इसके साथ निम्नलिखित को संलग्न करें-


1.
परियोजना का सुचिन्तित और सुस्पष्ट प्रस्ताव(500 शब्दों से अधिक नहीं)। इस सिलसिले में टिप्स के लिए कृपया इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की वेबसाइट के फैलोशिप-खंड पर क्लिक करें और गत वर्ष की फैलोशिप के अन्तर्गत प्रस्तुत कथाओं और कथा के मूल विचार को पढ़ें।


2.
परियोजना-प्रस्ताव के मूल विचार का स्टोरी ब्रेकअप(कम से कम पाँच) के रुप में क्रमवार पल्लवन  (अधिकतम 200 शब्दों में) । इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की वेबसाइट के फैलोशिप-खंड में गत वर्ष चयनित अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत कथाओं को पढ़ना इस सिलसिले में मददगार हो सकता है।


3.
यात्रा, यात्रावधि में रहने-ठहरने संबंधी जरुरतों का एक अनुमानित और संक्षिप्त ब्रेकअप। इसमें कृपया बतायें कि आप किन स्थानों का भ्रमण करना चाहते हैं और इस भ्रमण में संभावित तौर पर खर्च संबंधी क्या जरुरतें पेश आ सकती हैं। फैलोशिप की रकम देन के पीछे मंशा समाचार-सामग्री को एकत्र करने में हुए हरसंभव व्यय की भरपाई करने का है, इसे किसी किस्म का वेतन या मानदेय ना समझा जाय।  इसलिए, खर्च संबंधी रसीद प्रस्तुत करने पर उनका भुगतान एक युक्तिसंगत दायरे तक बगैर टीडीएस कटौती के होगा। सीएसडीएस का लेखा विभाग वास्तविक खर्च के बारे में जानकारी मांग सकता है।


4
पूर्व प्रकाशित या रेडियो-टीवी के कार्यक्रम के रुप में प्रसारित कार्य के दो नमूने (हिन्दी या अंग्रेजी में) । यदि आपका कार्य इलेक्ट्रानिक रुपाकार में है तो कृपया सीडी-डीवीडी का इस्तेमाल करें और इस पर कथा का शीर्षक और अपना नाम मार्कर से लिखकर हमें भेज दें।


5.
संपादक से 4 हफ्ते की छुट्टी और परियोजना के अन्तर्गत प्रस्तुत सामग्री के प्रसारण-प्रकाशन के वायदे का एक पत्र।अभ्यर्थी अगर फ्रीलांसर है तो अख़बार-मैगजीन या रेडियो-टीवी चैनल के संपादक से परियोजना के अन्तर्गत तैयार की गई सामग्री के प्रसारण-प्रकाशन की मंजूरी की चिट्ठी संलग्न करे।


6.
अभ्यर्थी के पिछले कामों के आधार पर फैलोशिप के लिए पत्रकारीय योग्यता और उपयुक्तता के बारे में एक सिफारिशी चिट्ठी(रिकॉमेंडेशन लेटर)। यह चिट्ठी आप किसी प्रसिद्ध पत्रकार, अपने शिक्षक, अपने सुपरवाईजर या फिर अपने वर्तमान संपादक या पूर्व-संपादक रह चुके व्यक्ति से लिखवा सकते हैं। ऐसे व्यक्ति का आपके पत्रकारीय-कर्म से परिचित होना आवश्यक है। ध्यान दें, कि सिफारिशी चिट्ठी अलग से है, इसे नियोक्ता या फिर संपादक द्वारा जारी फैलोशिप की सामग्री के प्रकाशन-प्रसारण और छुट्टी से संबंधित वादा-पत्र ना समझें। सिफारिशी चिट्ठी मांगने के पीछे आशय यह है कि उक्त पत्र अभ्यर्थी की योग्यता-क्षमता के बारे में एक सहायक सामग्री का काम करे।


शर्तें:


1.
निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम तौर पर मान्य होगा। चयन के मानदंडों और निर्णायक-मंडल की तरफ से जारी संभावित टिप्पणी का ब्यौरा इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की वेबसाइट पर पारदर्शिता के लिहाज से अपलोड किया जाएगा लेकिन इस संदर्भ में अभ्यर्थी के किसी प्रश्न के उत्तर देने की बाध्यता नहीं है।


2.
सारे भुगतान टीडीएस नियमों के अंतर्गत होंगे। अभ्यर्थी कृपया ध्यान दें कि अंतिम भुगतान के समय यात्रा-व्यय की मूल रसीद को जमा करना अपरिहार्य है। अभ्यर्थी किसी किस्म के मानदेय की अपेक्षा ना रखें क्योंकि फैलोशिप के अंतर्गत जारी रकम का आशय समाचार एकत्र करने में लगे व्यय की भरपाई करना है।                                                                                                      
3.
यदि अभ्यर्थी परियोजना को पूरा करने या फिर परियोजनाधीन सामग्री को प्रकाशित-प्रसारित करने में असफल रहता है तो इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की तरफ से दी जाने वाली अग्रिम राशि रोक या वापस ले ली जाएगी। अभ्यर्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे मौलिक रचना-कर्म की प्रस्तुति करेंगे।


4.
फैलोशिप के अंतर्गत प्रस्तुत कथाओं को वेबसाइट((im4change.org) सहित अन्य फोरम पर भी अपलोड किया जाएगा। इस सिलसिले में मूल प्रस्तुति का उल्लेख किया जाएगा। इसका उद्देश्य फैलोशिप के अंतर्गत हासिल सामग्री के विचारों का प्रसार करना है।


अभ्यर्थी अपना समग्र आवेदन सीवी सहित माइक्रोसॉफ्ट वर्ड फॉरमेट में भेजें। अगर आवेदन हिन्दी में है तो कृपया माइक्रोसाफ्ट वर्ड फाईल को यूनिकोड / मंगल में टंकित करके भेजें। ऐसा नहीं करने की स्थिति में तकनीकी दिक्कत होने पर प्रविष्टि को विचार के लिए निर्णायक मंडल के समक्ष रखना मुश्किल होगा। कृपया अपनी प्रविष्टि, अपने नवीनतम कार्य की 2 स्कैन्ड कॉपी के साथ इस ईमेल पते पर भेजें- im4change.csds@gmail.com


ईमेल से प्राप्त प्रविष्टि की प्राप्ति की सूचना तुरंत दी जाएगी।


अभ्यर्थी ईमेल से आवेदन भेजने पर ईमेल की सब्जेक्ट लाईन "Inclusive Media Fellowship" लिखें।


बहरहाल, , किन्हीं कारणवश अगर कोई अभ्यर्थी अपना आवेदनपत्र ईमेल से नहीं भेज पाता या ईमेल के अतिरिक्त आवेदन की हार्डकॉपी भी भेजना चाहता है तो कृपया उसे सुविधानुसार साधारण डाक, स्पीड-पोस्ट या कूरियर से निम्नलिखित पते पर भेजें-


इंक्लूसिव मीडिया फैलोशिप-2012
सेंटर फॉर द स्टडी ऑव डेवलपिंग सोसायटीज(CSDS)
29,
राजपुर रोड, दिल्ली 110054


(
कृपया ध्यान दें कि हमलोग प्रविष्टि के ईमेल से भेजे जाने को बढ़ावा देते हैं और अंतिम तारीख के बाद सीएसडीएस कार्यालय पहुंचे आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।)



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