दुनिया के इतिहास में यह पांचवीं सबसे जानलेवा लू है, जिसका सामना हम इन दिनों कर रहे हैं। 2200 से ज्यादा लोगों की अब तक यह जान ले चुकी है। क्या हमें और मौतों का इंतजार है, जिसके बाद ही हम लू के खतरे का सामना करने के लिए कोई राष्ट्रीय नीति बनाएंगे? ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों में गर्म हवा के थपेड़ों से जितने लोगों की मौतें हुई...
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भूख से मौत : गरीबी से परेशान होकर घर से निकला था अधेड़
बिलासपुर/पेंड्रा (निप्र)। पेंड्रा में भूख से मृत अधेड़ की पहचान हो गई है। वह मस्तूरी का रहने वाला था और गरीबी से तंग आकर घर से निकला था। विधायक अमित जोगी के निर्वाचन क्षेत्र पेंड्रा में भी भूख से अधेड़ की मौत का मामला सामने आया है। भूख से अधेड़ की मौत होने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। शनिवार को पुलिस ने मृतक की पहचान भी कर...
More »बच्चे की भूख से मौत से दहले लोग, प्रशासन पहुंचा
अंबिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड मुख्यालय नर्मदापुर निवासी पांच वर्षीय बच्चे की भूख से हुई मौत ने सभी को दहला दिया है। मामले की जांच के लिए कांग्रेस ने जहां समिति बनाई है वहीं प्रशासन भी हरकत में आया है। शनिवार को लापता मृत बच्चे के बड़े भाई को सीतापुर से बरामद कर लिया गया। कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों ने मृत बच्चे के घर पहुंच बयान दर्ज किया। माझी...
More »मौत आती है पर नहीं आती - अनुराग चतुर्वेदी
'मरते हैं आरजू में मरने की/मौत आती है पर नहीं आती।" 7 मार्च 2011 को अरुणा रामचंद्र शानबाग बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के मुकदमे का फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने मिर्जा गालिब के इस शे"र को याद किया था। सोमवार को जब अरुणा ने आखिरी सांस ली, तब काटजू ने एक बार फिर यह शे"र दोहराया। इस दर्दनाक कहानी की शुरुआत 26 नवंबर 1973 को होती...
More »कानूनों के जंजाल से घिरी नौकरशाही - जोगिंदर सिंह
मैं हमेशा अचरज में पड़ जाता हूं कि आखिर जिन लोगों के हाथ में सत्ता और अधिकार हैं, वे सिरे से गलत चीजों को दुरुस्त करने के लिए क्यों कुछ नहीं करते? मैं जब स्टूडेंट हुआ करता था, तभी से मैं गुड गवर्नेंस वगैरह के बारे में सुनता आ रहा हूं, लेकिन अफसोस कि तब से लेकर अब तक ज्यादा कुछ नहीं बदला है। दुनिया बदल गई, हालात बदल गए,...
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