शाजापुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मौसम की मार के चलते इस बार जिले की 80 फीसदी संतरा फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में अनेक किसानों को इस बार मायूसी हाथ लगी है। वहीं जिन किसानों के बगीचे के पौधे संतरे से लदे हुए हैं वे मालामाल हो जाएंगे। दरअसल, इस बार संतरे की कमी के चलते भाव आसमान छुएंगे। इसके चलते बाहर के व्यापारी संतरों का सौदा करने जिले में आने...
More »SEARCH RESULT
फिर सूखे की ओर बुंदेलखंड-- पंकज चतुर्वेदी
बुंदेलखंड के गांवों के लोग पलायन कर रहे हैं- पानी की कमी के चलते। अगली बरसात दस महीने दूर है और बुंदेलखंड से जल संकट, पलायन और बेबसी की खबरें आने लगी हैं। वैसे मध्यप्रदेश के तेईस जिलों की एक सौ दस तहसीलों को राज्य सरकार ने सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, जिनमें बुंदेलखंड में आने वाले सभी जिले शामिल हैं। हालांकि इस घोषणा से सूखा प्रभावितों की दिक्कतों...
More »Kadvi Hawa Movie Review: किसान आत्महत्या और जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर मुद्दों की कहानी है फिल्म
नील माधब पांडा की फिल्म कड़वी हवा 24 नवंबर को सिनेमाघरं में रिलीज हो रही है। फिल्म में रणवीर शौरी और संजय मिश्रा की दमदार परफॉर्मेंस है। यह फिल्म सामाजिक मुद्दों पर बनाई गई है इसलिए आपको इसमें मनोरंजन वाले मसाले देखने को नहीं मिलेंगे बल्कि फिल्म देखते समय आपको सच्चाई का वो आईना दिखाई देगा, जिससे जाने-अनजाने हम जी चुराते हैं। फिल्म की कहानी दो बड़े मुद्दों जलवायु में...
More »दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने दगा किया, नये साल में खाद्यान्न उत्पादन कम होने के आसार
आशंका है कि खाद्यान्न उत्पादन के मामले में चालू कृषिवर्ष पिछले साल (2016-17) के मुकाबले फीका साबित हो. कृषि मंत्रालय के शुरुआती आकलनों से पता चलता है कि 2017-18 में खरीफ फसलों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 2.8 प्रतिशत घट सकता है. साल 2017-18 में खरीफ की फसलों का खाद्यान्न उत्पादन 134.7 मिलियन टन रहने का अनुमान है जबकि 2017-18 में खरीफ में खाद्यान्न का उत्पादन 185.5 मिलियन टन हुआ था. गौरतलब...
More »सूखे का असर, पांच महीने पहले आ गया पतझड़!
हरिओम गौड़, श्योपुर। इस साल श्योेपुर जिले में बारिश बेहद कम हुई है, इसीलिए जिला प्रशासन ने श्योपुर को जल अभाव ग्रस्त और प्रदेश सरकार ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि कई गांवों में कोसों दूर तक पीने का पानी नहीं इसलिए, ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं। बिना पानी के गांवों की जनता ही नहीं पेड़ों के पत्ते भी पलायन करने...
More »