संसद के मौजूदा(बजट) सत्र में आखिरकार खाद्य सुरक्षा बिल पर चर्चा होने जा रही है। यह बिल यूपीए सरकार ने साल 2011 में लोकसभा में पेश किया था। आहार और बाल-स्वास्थ्य के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं और राज्यों द्वारा प्रस्तुत विविध आलोचनाओं के आलोक में इस बिल में कई और बदलाव किए जाने की संभावना है।यहां प्रस्तुत सामग्री में कोशिश की गई है कि भोजन का अधिकार बिल के बारे में जानकारी क्या-क्यों-कैसे-कौन...
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आधी आबादी का पूरा हक ।।किरन राव।।
सिर्फ महिला दिवस आने पर ही महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा क्यों की जाती है? जेंडर पूर्वाग्रह का यह सबसे बड़ा कारण है. जरूरी है कि हम पूरे साल महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा करें और उनको प्रोत्साहित करें. क्यों किसी महिला का नाम तब तक हमारी जुबान पर नहीं आता, जब तक वह बड़ा कीर्तिमान स्थापित नहीं कर लेती. मेरीकॉम बिल्कुल विपरीत परिस्थिति में खुद को तैयार करती हैं, लेकिन लोग...
More »कन्या भू्रण हत्या के मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि प्रभावी तरीके से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण परीक्षण कानून लागू करने के लिए कन्या भू्रण हत्या के मामलों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए। इस कानून के तहत प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध है। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन वालंटियर्स हेल्थ एसोसिएशन आॅफ पंजाब की...
More »केंद्र सरकार का [अनु] दान खाता
नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। केंद्र सरकार ने अपने खर्च के नए तरीके से घोटालों को सुविधाजनक कर दिया है। विकास के मदों में सरकार का करीब 79 फीसद खर्च अब अनुदानों के जरिये होता है। अनुदानों के इस्तेमाल को जानने का सरकार के पास कोई भरोसेमंद तरीका नहीं है। इसलिए करदाताओं और कर्ज से मिले इस सरकारी पैसे की लूट सहज हो गई है। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट में...
More »क्रोनी पूंजीवाद और विकास- भरत झुनझुनवाला
राजतंत्र, सामंतवाद व कम्युनिज्म की तुलना में पूंजीवाद ने दुनिया में बहुत अधिक समृद्धि लायी है. पूंजीवाद की यह सफलता खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा से हासिल हुई है. बाजार में हर व्यक्ति को प्रयोग करने, नये माल बनाने एवं नयी तकनीक के उपयोग की छूट होती है. जैसे पूंजीवाद में छूट है कि कोई किसान हाइब्रिड बीज से फसल उगाये या देशी बीज से. एक किसान सफल हुआ, तो दूसरे...
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