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नसबंदी कांड में इस्तेमाल सिप्रोसिन, आईबुप्रोफेन थी जहरीली

रायपुर। बिलासपुर के पेंडारी नसबंदी कांड में इस्तेमाल सिप्रोसिन-500 बैच नं. 14101 और आईब्रूफेन- 400 बैच नं. टीटी 450413, दोनों ही दवाएं जहरीली थीं। यह बड़ा खुलासा नसबंदी कांड के लिए राज्य शासन द्वारा गठित अनिता झा न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में हुआ है। इसी रिपोर्ट के आधार पर राज्य शासन ने दोनों दवा निर्माता कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई आदेश जारी किए हैं। सिप्रोसिन- 500, महावर फार्मा प्राइवेट लिमिटेड, खम्हारडीह,...

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किशोरों में बढ़ती आत्महत्याएं- अंजलि सिन्हा

कोटा के कोचिंग संस्थानों में तनावग्रस्त बच्चों तथा इनमें से कुछ के आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाने की खबरों के बीच तथा शेष समाज में इसके प्रति व्यक्त की जा रही चिंताओं के चलते कोटा शहर के 40 कोचिंग संस्थानों ने मिल कर चौबीस घंटे की हेल्पलाइन सेवा शुरू की है, जो परेशान छात्रों की काउंसेलिंग करेगी. निश्चित ही ऐसी सेवा शुरू होने से छात्रों को शेयरिंग का एक...

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छत्तीसगढ़ में हर 24 घंटे में एक बुजुर्ग कर रहा आत्महत्या की कोशिश

रायपुर। कहते हैं कि बुजुर्गों से घर में समृद्धि-शांति बनी रहती है, लेकिन बुजुर्ग खुद बेहद तनाव में हैं। अकेलेपन के शिकार हैं और बुढ़ापे में उनकी देख-रेख करने वाले साथ छोड़ रहे हैं। यही वजह है कि बुजुर्ग मौत को गले लगाने को मजबूर हैं। प्रदेश में हर 24 घंटे में एक बुजुर्ग आत्महत्या की कोशिश कर रहा है। यह आंकड़ा है संजीवनी 108 एंबुलेंस सेवा का। 1 अगस्त 2014...

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साल के अंत तक बाल मृत्य दर पर काबू पा सकता है भारत- मदन जैड़ा

भारत में शिशु स्वास्थ्य रक्षा की दिशा में हुए कार्य की यूनिसेफ ने सराहना की है। यूनिसेफ को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक भारत बाल मृत्यु (पांच वर्ष तक की उम्र तक) दर में कमी के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। यूनिसेफ की प्रमुख (एडवोकेसी एंड कम्युनिकेशन) सुश्री केरोलिन डेन डुल्क ने हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में यह बात कही। यहां एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान डुल्क...

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खाद्य सुरक्षा: सुधर सकते हैं फिसड्डी राज्यों के भी हालात- ज्यां द्रेज, रीतिका खेड़ा

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) की दशा ठीक नहीं है। अधिनियम को लागू हुए दो साल होने को आये लेकिन कुछ ही राज्य इसपर अमल कर पाये हैं। बाकी राज्य अब भी पात्र परिवारों की पहचान, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के सुधार तथा अन्य तैयारियों से जूझ रहे हैं। तो भी, हाल के सबूतों से संकेत मिलते हैं कि कुछ राज्य अधिनियम को बेहतर ढंग से लागू कर पाये...

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