विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महासभा ने 27 नवंबर को खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए भंडारण के संबंध में एक अहम निर्णय किया है, जिसके बाद भारत में गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर आसन्न संकट टल गया है। भारत अब डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के दखल के बगैर गरीबों को सस्ता अनाज देता रहेगा और किसानों को उनकी उपज के...
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दवा क्षेत्र में भी चीन की दादागीरी
अमेरिका और यूरोपीय देश ही नहीं भारत में भी दवा क्षेत्र में चीन की दादागीरी खतरनाक रूप में है। इतनी खतरनाक कि एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) ने भी सरकार को अगाह किया है कि समय रहते नहीं चेते तो चीन बड़ा खतरा खड़ा कर सकता है। एनएसए के पास चेतावनी का पर्याप्त कारण है। दरअसल भारत में बनने वाली दवाओं का 90 फीसदी कच्चा माल यानि एपीआई (एक्टिव फार्मास्टियुकल इन्ग्रीडीएंट)...
More »खूनी सड़कों पर सुरक्षित यातायात की चुनौती- सुभाष चंद्र कुशवाहा
सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों की स्मृति में विगत 16 नवंबर को पहली बार ‘सड़क यातायात मृतक विश्व स्मृति दिवस' मनाया गया। भारत की सड़कें विश्व की सर्वाधिक रक्तरंजित सड़कों में गिनी जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 2011 में सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में 12.40 लाख लोग मारे गए, जिनमें से अकेले हमारे देश में 1.43 लाख लोगों की मौत हुई, जो विश्व में सर्वाधिक था।...
More »शिक्षा में नया आयाम जोड़ रही मोबाइल टेक्नोलॉजी
आरंभ में मोबाइल फोन को लैंडलाइन फोन के विकसित विकल्प के तौर पर मुहैया कराया गया था. धीरे-धीरे इसमें कई खासियतें जुड़ती चली गयीं. अब स्मार्टफोन का जमाना है, जिसका बहुआयामी उपयोग पढ़ने-लिखने और सीखने के तौर-तरीके को भी बदल रहा है. किस तरह से स्मार्टफोन इन कार्यो को अंजाम देता है, क्या है एम-लर्निग और 4जी तकनीक तथा सोशल नेटवर्किग कैसे शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव ला रहा...
More »गंगा योजना बनाम विकास नीति - कृष्णदत्त पालीवाल
महाकवि कालिदास की एक प्रसिद्ध उक्ति ध्यान में आती रहती है कि संदेह के अवसरों पर अंत:करण की आवाज को प्रमाण मानना चाहिए। ठीक बात है। लेकिन आत्म-बोध, ज्ञान-बोध दोनों के बीच संदेह झूल रहा है। यह संदेह संस्कृति रूपी चित्त की खेती को बर्बाद करने का जाल बिछा रहा है। विश्वास का अंत कर रहा है और संशय का हुदहुद सभी को ढहाए दे रहा है। भारतीय जन-मानस की...
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