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सरकारी सुस्ती में होम होंगे जनता के पांच खरब

नई दिल्ली। सरकारी योजनाओं पर अमल में सुस्ती के चलते जनता की गाढ़ी कमाई के पांच खरब रुपये बर्बाद होंगे। यह बर्बादी सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित 589 परियोजनाओं के देर से पूरा होने के कारण होगी। योजना क्रियान्वयन एवं सांख्यिकी मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ये परियोजनाएं निर्धारित समय पर पूरी होतीं तो इन पर 5,54,114 करोड़ की लागत आनी थी, लेकिन अब...

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श्रमिक हितों पर मंत्रालय के कड़े तेवर

देहरादून। राज्य में संगठित व असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सूचीबद्ध करने के लिए होमवर्क शुरू कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि उत्तराखंड में स्थापित उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है अथवा नहीं। श्रमिकों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने तथा बंधुआ मजदूरों को वास्तविक संख्या जानने के लिए भी मंत्रालय ने कदम उठाए हैं। राज्य में संगठन व...

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क्या यह बैंगन जहरीला है?

नई दिल्ली/भोपाल. एक सप्ताह के अंदर ही केंद्र सरकार को फैसला लेना है कि बीटी बैंगन जैसी जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) फसलों (जिनकी जीन संरचना में बदलाव किया गया है) की देश में खेती की अनुमति देनी है या नहीं। इस फैसले से जहां एक ओर उपज में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होने की उम्मीद है, वहीं जीएम खाद्य पदार्थो से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई जा रही है। क्या तेजी से...

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जनेश्वर मिश्र नहीं रहे

इलाहाबाद। छोटे लोहिया के नाम से विख्यात समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र का शुक्रवार को देहावसान हो गया। 77 वर्षीय मिश्र ने अपनी कर्मस्थली इलाहाबाद में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर पर बेली रोड स्थित भतीजे के आवास पर सभी दलों के कार्यकर्ता श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े। शनिवार दोपहर संगम के पास उनकी उनकी अंत्येष्टि की जाएगी। उत्तार प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती और राज्यपाल बीएल जोशी ने मिश्र के निधन पर शोक जताया...

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ग्रामीण भारत में गरीबों की तादाद आधिकारिक आकलन से ज्यादा

यह बात अब आधिकारिक सूचना में आ चुकी है कि भारत में गरीबी पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा है। इस माह की 9 तारीख को सौंपी गई सुरेश तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गरीबी 37 फीसदी(2004-05) है ना कि 28 फीसदी, जैसा कि पहले के आकलनों में माना जाता रहा है।यदि तेंदुलकर समिति के आकलन में खाद्य पदार्थों की कीमतों में हुई मौजूदा बढ़ोतरी को जोड़ दें...

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