नई दिल्ली। अरविंद जयतिलक संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट आफ द वर्ल्ड्स इंडीजीनस पीपुल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातिया पूरे विश्व में अपनी संपदा, संसाधन और जमीन से वंचित व विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के झारखंड राज्य की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यहा चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारों परिवारों को आज...
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लखनसेन में हुआ जनवितरण का लैबटेस्ट
बड़हरवा लखनसेन (पूर्वी चम्पारण)। कहां है अपना फोटोग्राफर, त्रिपुरारी जी। जरा इस गेहूं की तस्वीर तो उतरवाइए। इस बोल के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर तल्खी छा गयी। बोले, भारतीय खाद्य निगम ऐसा ही छोटे साइज का सूखा हुआ दाना हमारे यहां भेजता है और अधिग्रहण के समय हम लोगों के किसानों के बढि़या गेहूं पर पिंगिल(नखरे दिखाना) पढ़ता है? फोटोग्राफर की खोज होती ही रही कि मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी ने स्वयं कैमरे...
More »हिरासत में हुई मौत तो अधिकारी पहुंचेंगे जेल
लखनऊ। उप्र में पुलिस हिरासत में बढ़ती मौतों से चिंतित मुख्यमंत्री मायावती ने दो टूक शब्दों घोषणा कर दी कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित अधिकारी को सीधे जेल भेज दिया जाए। मुख्यमंत्री राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिसकर्मियों के व्यवहार से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने पुलिसकर्मियों को अपने व्यवहार में परिवर्तन लाकर जनता का भरोसा जीतने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने माफिया और पेशेवर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने का भी आदेश...
More »सचिवालय परिसर में बाल श्रम
पटना। बिहार में आर्थिक रूप से विपन्न बच्चों की हालत चिंताजनक है। वह सरकारी अफसरों, वकीलों एवं न्यायविदों के घरों में मजदूरी कर रह हैं। इतना ही नहीं सचिवालय, अदालतों एवं जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में भी बाल श्रमिक बहुतायत में हैं। इन्हें न्यूनतम मजदूरी का एक तिहाई भी नहीं मिल रहा है। बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2.5 करोड़ बालक एवं...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
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