नये उद्यमियों की मदद का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प स्वागतयोग्य है. देश के युवाओं के पास नये उद्योग लगाने के आइडिया हैं, परंतु कार्यान्वित करने के लिए पूंजी नहीं है. सरकार द्वारा इन्हें समर्थन देने से इनकी छिपी हुई ऊर्जा बाहर आ सकती है और देश को आगे बढ़ा सकती है. लेकिन, केवल आर्थिक मदद से काम नहीं बनेगा, सही वातावरण भी बनाना होगा. तमाम ऐसे आइडिया हैं, जिन्हें...
More »SEARCH RESULT
उच्च शिक्षा में बढ़ती खाई-- शैलेन्द्र चौहान
भारत सरकार ने विश्वविद्यालय में शिक्षा हासिल करने वाले शिक्षार्थियों की संख्या 2030 तक बढ़ा कर तीस प्रतिशत करने का लक्ष्य तय कर रखा है। जबकि भारत में सिर्फ बारह प्रतिशत लोगों को ही विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल पाता है। वर्तमान में भारत में दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस लर्निंग) यानी घर बैठे पढ़ाई करने वालों की तादाद पैंतीस लाख है। चिंताजनक बात यह कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों और...
More »भ्रष्टाचार की संस्कृति में रचे-बसे हम - एनके सिंह
हर साल की तरह इस साल भी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट आई। भ्रष्टाचार के वैश्विक पैमाने पर भारत अंकों के आधार पर वहीं खड़ा है। पिछले हफ्ते ऑक्सफेम सहित दुनिया की तीन आर्थिक विश्लेषण संस्थाओं ने बताया कि भारत में विगत 25 सालों में गरीब-अमीर की खाई खतरनाक रूप से बढ़ती जा रही है। गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर। हमने कानून बनाए। भ्रष्टाचार के मुद्दे...
More »कितने स्मार्ट हो पायेंगे हमारे शहर-- नारायण कृष्णमूर्ति
टेक्नोलॉजी, खासकर इंटरनेट ने हमारे कामकाज का रवैया बदल दिया है। अब घर बैठे स्मार्ट ग्रिड के जरिये निर्बाध इंटरनेट, गैस, बिजली और पानी प्राप्त करने की कल्पना सपना नहीं है। इस लिहाज से स्मार्ट सिटी का स्वागत करना चाहिए, जहां हर कोई एक-दूसरे से जुड़ा रहेगा और तमाम नागरिक सुविधाएं हासिल कर पाएगा। सोच यह है कि इन स्मार्ट नगरों को ऐसे बनाया जाए कि वे शिक्षा, रोजगार और...
More »रघुराम राजन की टिप्पणी के बाद जीडीपी पर कोहराम
किसी भी देश के सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का निर्धारण एक जटिल अर्थशास्त्रीय प्रक्रिया होती है. इसमें अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के उपलब्ध आंकड़ों, मुद्रास्फीति तथा आधार वर्ष के आंकड़ों के समायोजन से कुल उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तय किये जाते हैं. पिछले साल भारत सरकार ने जीडीपी के आकलन की प्रक्रिया में बड़ा फेरबदल किया, जिसे लेकर उद्योग जगत, अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्धारकों में चर्चा चल रही है....
More »