देहरादून। वर्ष 2008-09 में उत्तराखंड की कृषि विकास दर ऋणात्मक रही है। इसकी प्रमुख वजह सूखा और तकनीकी सुधार में खामी को बताया जा रहा है। आने वाले दो वर्षो में वर्षा की स्थिति पर राज्य की कृषि विकास दर निर्भर करेगी। ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के मध्यवर्ती मूल्यांकन में ये तथ्य सामने आए हैं। मूल्यांकन में बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर दसवीं पंचवर्षीय योजना में कृषि के...
More »SEARCH RESULT
साल के अंत तक कम होगी खाद्य मुद्रास्फीति
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति चालू वर्ष की दूसरी छमाही में कम होगी। आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद की दर 11वीं पंचवर्षीय योजना 2007-12 के दौरान 9.0 फीसदी के लक्ष्य के मुकाबले 8.1 फीसदी रहेगी। मनमोहन सिंह ने राज्यों से खेतीबाड़ी पर ज्यादा ध्यान देने की अपील करते हुए कहा कि महंगाई की मार...
More »अंग्रेज भी उत्तराखंडी खुशबू के मुरीद
देहरादून [केदार दत्त]। देहरादून देवभूमि से खुशबू को ऐसे पंख लगे कि वह घर से निकलकर सात समंदर पार की सैर में मशगूल हो गई। अरब के शेखों और समूचे यूरोप पर इसका ऐसा रंग चढ़ा वे इसके मुरीद हो गए हैं। इस बात की इससे तस्दीक होती है कि बीते सीजन में उत्तराखंड से चालीस हजार क्विंटल बासमती में से करीब अस्सी फीसदी का निर्यात खाड़ी और यूरोप...
More »एनएसी की बैठक में होगी खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा
नई दिल्ली। सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की एक जुलाई को होने वाली बैठक में खाद्य सुरक्षा विधेयक पर चर्चा होगी, जिससे पहले परिषद के सदस्य व्यापक आम सहमति बनाने के लिए यहां विचार-विमर्श करेंगे। एनएसी-2 की पहली बैठक 10 जून को हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि अगली बैठक एक जुलाई को होगी, जिसमें सबसे पहले खाद्य सुरक्षा विधेयक पर विस्तार से चर्चा होगी।...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »