सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त टेक्निकल एक्सपर्ट कमिटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि भारत में अगले 10 साल तक जीएम( परिवर्तित आणुवांशिकी वाले) फसलों के जमीनी परीक्षण पर रोक लगायी जानी चाहिए। पर्यावरणवादी समूहों, नागरिक संगठनों और वैज्ञानिकों ने इस सिफारिश का स्वागत किया है। समिति की सिफारिशों में भोजन के तौर पर इस्तेमाल होने वाली सारी बीटी-ट्रांसजेनिक फसलों के जमीनी परीक्षण पर रोक लगानी की बात शामिल है( मूल रिपोर्ट और विस्तृत ब्यौरे के...
More »SEARCH RESULT
संपूर्ण सत्याग्रह का अर्थ- श्री भगवान सिंह
जनसत्ता 2 अक्टुबर, 2012: महात्मा गांधी ने दुनिया को कोई नया वाद या सिद्धांत देने का दावा नहीं किया। उन्होंने तो अपने आचरण से वह मार्ग दिखाया जिस पर चल कर समस्त प्राणियों की हित-साधना की जा सकती है। इसीलिए उन्होंने कहा कि ‘मेरा जीवन ही संदेश है।’ तब प्रश्न यह आता है कि इस संदेश या मार्ग को किन शब्दों के सहारे समझा जाए? जहां तक मैंने समझा है,...
More »लूट की छूट- आशीष खेतान
छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को हो रहा है जिन पर मुख्यमंत्री रमन सिंह की कृपादृष्टि है. आशीष खेतान की रिपोर्ट. साल 2011 की बात है. दीवाली का मौका था. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चर्चित अखबार ‘पत्रिका’ के स्थानीय संपादक गिरिराज शर्मा के पास एक विशेष उपहार पहुंचा. राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यालय की तरफ से...
More »"छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश का मॉडल बेहतर"- आरपी सिंह
झारखंड के राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) के निदेशक राम प्रताप सिंह (आरपी सिंह) अपनी जिम्मेवारियों के प्रति संवेदनशील व समय के पाबंद हैं. गांव के विकास से जुड़े हर बिंदु पर वे मौलिक राय रखते हैं और इसे साझा भी करते हैं. तीन दशकों बाद जब झारखंड में पंचायत राज निकाय का गठन हुआ, तो उसे गति देने के लिए क्षमतावान अधिकारियों की जरूरत महसूस की गयी. ऐसे में...
More »मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण
मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...
More »