महिलाओं को निजी संपत्ति में हिस्सा देने की बहस काफी पुरानी है। हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही यह बहस तेज हो गई थी। ब्रिटिश राज और उससे आजादी के बाद समय-समय पर कानून बनाए गए हैं, जो महिलाओं को निजी संपत्ति का अधिकार तो देते हैं, लेकिन समाज में पुरुष प्रधान सोच के कारण कानून पंगु बना रहा। वर्तमान समय में फैक्टरी, कार्यालय, खेत या घर- हर...
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सूखे का असर, पांच महीने पहले आ गया पतझड़!
हरिओम गौड़, श्योपुर। इस साल श्योेपुर जिले में बारिश बेहद कम हुई है, इसीलिए जिला प्रशासन ने श्योपुर को जल अभाव ग्रस्त और प्रदेश सरकार ने जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि कई गांवों में कोसों दूर तक पीने का पानी नहीं इसलिए, ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं। बिना पानी के गांवों की जनता ही नहीं पेड़ों के पत्ते भी पलायन करने...
More »सड़कों पर हादसों के सबब --- श्रीश्चंद्र मिश्र
देश में सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो गया है इसका आभास सिर्फ इन आंकड़ों से हो जाता है कि पिछले साल देश में रोज औसतन 410 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 2015 में यह आंकड़ा करीब चार सौ था। हादसों का कारण चाहे बेलगाम रफ्तार हो या सड़कों की दुर्दशा, 2014 में हर एक घंटे में औसतन सोलह लोगों को सड़क हादसों में जान गंवानी पड़ी। इस अरसे...
More »बंगाल- पंचायत चुनाव से पहले हर परिवार को तोहफे में मिलेगी गाय
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले सरकार ने उन ग्रामीण इलाकों में हर परिवार को एक गाय देने का ऐलान किया है जहां अगले साल चुनाव होने हैं। मामले में पशु संसाधन विकास मंत्री स्वापन देबनाथ ने कहा, ‘सरकार की इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को आत्म निर्भर बनने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही राज्य में दुग्ध उत्पादन में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी होगी।' देबनाथ ने...
More »शेल कंपनी कथा दूसरी कड़ी : काले धन के खिलाफ जंग राजधर्म है-- हरिवंश
राजनीति विचारधारा या भावना से चलती है और अर्थनीति शुद्ध स्वार्थ की नीितयों से. पिछले 60-70 वर्षों में एक तरफ राजनीति में भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग की बात भारत में बार-बार हुई, तो दूसरी तरफ भ्रष्ट ताकतों ने आर्थिक नियमों, कंपनी कानूनों को ऐसा बनाया कि भ्रष्टाचार की जड़ें लगातार मजबूत होती गयीं. शेल कंपनियां ऐसे ही कंपनी कानूनों की उपज हैं, पर आश्चर्य यह है कि 60-70 वर्षों...
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