ठियोग। रसोई गैस के दाम 50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ जाने से ऊपरी क्षेत्रों के बहुमूल्य जंगलों पर फिर खतरा मंडराने लगा है। ठियोग की बात करें तो यहां पर गैस सिलेंडर का भाव 435 रुपए पहुंच गया है। ईंधन के लिए इतनी बड़ी राशि प्रतिमाह जुटाना गरीब किसानों और मजदूरों के लिए संभव नहीं है। अपेक्षाकृत ठंडा क्षेत्र होने के कारण पहाड़ों में वैसे भी रसोई गैस की खपत मैदानी क्षेत्रों...
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कोयला उत्पादन में पर्यावरण का पंगा
नई दिल्ली। [जागरण ब्यूरो] कोयला खनन के रास्ते से गो और नो-गो का अड़ंगा अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ है कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने एक नई अड़चन खड़ी कर दी है। पर्यावरण और वन मंत्रालय [एमओईएफ] ने एक विभागीय आदेश के जरिए वन क्षेत्र में पड़ने वाली सभी कोयला खदानों के लिए पहले वन मंजूरी की बाध्यता लागू कर दी है। इससे उन सभी कोयला खदानों...
More »चचरी पुल ही एक मात्र सहारा
किशनगंज : आज के आधुनिक व्यवस्था में जहां रेलवे लाइन एवं सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है वहीं इस जिले का टेढ़ागाछ प्रखंड सड़क संपर्क के जरिये जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ पाया है. आज भी कनकई नदी पर स्थित लौचा घाट स्थित चचरी पुल लोगों का एक सहारा है. यह पुल भी जन सहयोग से निर्मित है. यह पुल जिला मुख्यालय से न केवल टेढ़गाछ को बल्कि अररिया जिला के सिकटी,...
More »'यह वह छत्तीसगढ़ तो नहीं जिससे मुझे इतना गहरा लगाव रहा है'-- इलिना सेन
- इलिना सेन (सामाजिक कार्यकर्ता और डॉ बिनायक सेन की पत्नी ) आज, एक तरफ मैं बहुत खुश हूं और राहत की सांस ले रही हूं कि इस कठिन परीक्षा का यह हिस्सा लगभग समाप्त हो गया है. वहीं दूसरी ओर मैं बहुत बेचैन भी हूं- हमने देखा है कि राज्य का व्यवहार कितना शत्रुतापूर्ण रहा है. लेकिन हमने जिस तरह का जीवन बिताया है, न तो उसके बारे में कोई...
More »अर्थ डे आज: 2050 तक 10 में से 9 लोगों को रहना होगा भूखा
नई दिल्ली. आज अर्थ डे है। दुनियाभर में धरती को बचाने की कोशिशें हो रही हैं। 1970 में छोटे से समूह अर्थ डे नेटवर्क ने अमेरिका ने 22 अप्रैल को 'पृथ्वी दिवस घोषित किया। संयुक्त राष्ट्र ने 2009 में 22 अप्रैल को 'अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस' के रूप में मान्यता दी। धरती पर बढ़ रहे कचरे, प्रदूषण, विलुप्त होते जीव-जंतु और पेड़-पौधों पर मंडरा रहे खतरों के प्रति जागरुकता पैदा करना इसका मुख्य उद्देश्य...
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