SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 594

सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश

अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...

More »

महुआ की बिक्री पर नियंत्रण गरीबों के खिलाफ : हेमंत सोरेन

रांची : नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने उत्पाद विभाग द्वारा बनाये जा रहे महुआ कंट्रोल रूल को गरीबों के खिलाफ बताया है. उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर ऐसे बिल को सहमति न प्रदान करने की अपील की है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड के लगभग 25 लाख परिवार का गुजर-बसर महुआ फुल के कारण होता है. इसमें अधिकांश गरीब आदिवासी परिवार शामिल हैं. इस नियम के प्रभावी...

More »

ग्रामीण इलाकों में एससी-एसटी के एक चौथाई परिवार निरक्षर

देश के ग्रामीण इलाके में अनुसूचित जाति और जनजाति के तकरीबन एक चौथाई परिवार निरक्षर हैं। ग्रामीण इलाके के अन्य परिवारों की तुलना में यह संख्या लगभग डेढ़ से दो गुनी ज्यादा है।(देखें नीचे दी गई लिंक) देश के अलग-अलग सामाजिक वर्गों के बीच मौजूद रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति पर केंद्रित एनएसएसओ की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के ग्रामीण इलाके में 26.6 प्रतिशत एसटी एवं 23...

More »

जंगल के दावेदारों पर मंडराता खतरा - के सी त्यागी

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के बाद अब आदिवासियों और जंगलों का मामला विवाद में है। ग्राम सभा की सहमति को, जो वन अधिकार कानून के अंतर्गत अनिवार्य है, समाप्त करने के संकेत मिल रहे हैं। संसद के इसी सत्र में यह प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिन्हें हम आज अनुसूचित जातियों के अंतर्गत गिनते हैं, उन आदिवासियों की दशा अंग्रेजों के आगमन के समय से ही दयनीय हो चली थी। अंग्रेज...

More »

झारखंड के मजदूर देश में सबसे सस्ते - आशुतोष सिंह

केंद्र की निगाह में झारखंड के मनरेगा मजदूर सबसे सस्ते हैं। इसीलिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रलय ने यहां मनरेगा मजदूरों की मजदूरी सिर्फ 162 रुपये प्रतिदिन तय की है। पूर्वी भारत के राज्यों में रोजगार की कमी और बेरोजगारों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसा हुआ है। केंद्र ने हरियाणा के मजदूरों के लिए सबसे अधिक 250 रुपये प्रतिदन तय किया है। झारखंड में अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close