शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...
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'स्मार्ट सिटी' से हम क्या समझें? - डॉ. पीके चांदे
हमारे देश के राष्ट्रीय एजेंडे में 'स्मार्ट सिटी" को लेकर चर्चा होने लगी है। हालांकि हमारे विकास मॉडल अभी भी पूरी तरह स्पष्ट और नियोजित नहीं हैं। हम विकास के मामले में अपने पड़ोसियों से होड़ तो लेना चाहते हैं, लेकिन संभवत: जापान जैसे विकसित देशों के कुछ रेडीमेड मॉडलों को अपनाते हुए। क्या हम भूल रहे हैं कि हमारी स्थानीय परिस्थितियां जुदा हैं और इस तरह की पुनर्संयोजन व्यवस्था...
More »कालिख के सौदे पर कड़ा प्रहार - परंजॉय गुहा ठाकुरता
भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस राजेंद्रमल लोढ़ा ने 25 अगस्त को कोयला खदान घोटाले के संबंध में फैसला सुनाते हुए जिस तरह के कठोर शब्दों का उपयोग किया, उसके बाद अगर वर्ष 1993 के बाद से आवंटित सभी 218 खदानों में से अधिकतर को जल्द ही निरस्त कर दिया जाता है तो किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण निर्माण क्षेत्र को जरूर कुछ...
More »बेलगाम महंगाई के पोषक- विकास नारायण राय
जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...
More »गरीबी कौन मिटाएगा- रामेश्वर मिश्र पंकज
जनसत्ता 30 जुलाई, 2014 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पूर्ववर्ती प्रधानमंत्रियों की तरह भारत से गरीबी मिटाने का संकल्प लिया है। समाजवादी दौर में चले सरकारी प्रचार ने शिक्षितों में यह भाव गहरा कर दिया है कि समाज की प्रत्येक विषमता, विपदा और विकृति को हटाने का दायित्व सरकार का है। सरकार ही तारणहार है, वही मसीहा है, वही पैगंबर है। वही चमत्कारिक शक्ति है। वस्तुत: शिक्षा और मीडिया पर...
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