भोपाल। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (नरेगा ) जो अब महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के नाम से जानी जाती है। इस योजना का उद्देश्य था कि क्षेत्र के मजदूरों को अपने ही गाव में काम मिले और वे पलायन नहीं कर सकें, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से काम मशीनों द्वारा करा लिए जाते है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पाता। इस कारण गरीब परिवार काम के सिलसिले में...
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नरेगा के कारण श्रमिकों के पलायन में कमी आई
नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [नरेगा] की वजह से गांवों से श्रमिकों के पलायन में कमी आने का दावा करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में इस योजना के तहत रोजगार प्राप्त करने वाले आदिवासियों के प्रतिशत में आई गिरावट इस योजना का दायरा बढ़ने की वजह से नजर आ रही है। ग्रामीण विकास मंत्री सी. पी. जोशी ने माकपा की वृंदा करात के पूरक प्रश्न के उत्तर में...
More »ढिबरी के सहारे रात गुजार रहे सात लाख लोग
बांका। जिले के सात लाख की आबादी बिजली की चकाचौंध से अनभिज्ञ है। यहां तक की बिजली विभाग द्वारा इन गांवों में सर्वेक्षण के चार वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी विद्युत यहां के लोगों के लिए सपना बना हुआ है। जिले में विद्युत विहीन गांवों के विद्युतीकरण के लिए आरजीईवाई के तहत 1408 गांवों को चिन्हित किया गया था। जिसमें 1293 गांवों में वर्ष 09 के मार्च तक विद्युतीकरण करने की अनुमति...
More »छुड़ाए गए 11 बाल श्रमिक
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में राज्य शासन ने 11 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है तथा उन्हें काम में लगाने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में श्रम विभाग के विशेष टास्क फोर्स ने सरगुजा जिले में 11 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए बच्चे ईट भट्टों, सीमेंट ईट निर्माण इकाई और निजी तालाब गहरीकरण के काम...
More »बीपीएल कार्ड को तरसते गरीब- ललित शर्मा
दो रुपए किलो गेहूं की योजना से वंचित रह जाएंगे लाखों परिवार केस 1 जगतपुरा के कठपुतली नगर में रहने वाली मंजू भाट के पति की दुर्घटना के बाद मृत्यु हो गई थी। उसके 4 लड़कियां और एक लड़का है। कटपुतली बनाकर बेचने से मात्र 1200-1300 रुपए की आय होती है। कई बार एक वक्त की रोटी का इंतजाम भी नहीं हो पाता। सर्दियों में भी बच्चों के लिए कपड़े नहीं...
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