यह राजस्थान में जोधपुर शहर के यूएस बूट हाउस का एक जादुई बेसमेंट है. जादुई इसलिए कि यह शहर शुष्क रेगिस्तान के मुहाने पर बसा है लेकिन इस बेसमेंट में बारहमासी पानी रिसता रहता है. हालांकि इसकी नींव में कई सालों से पानी रिसता रहा है, लेकिन बीते दो साल से पानी इस स्तर तक बढ़ गया कि पांच पंपों से 24 घंटे पानी उलीचने पर भी यह कम होने का...
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250 की आबादी वाले 176 गांवों की सड़कों का रास्ता साफ
शिमला. प्रदेश में लंबे समय से अटकी ग्रामीण सड़कों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय वन मंत्रालय ने इसके निर्माण को लेकर अपनी स्वीकृति दे दी है। लोक निर्माण विभाग ने 381 के करीब सड़क निर्माण को लेकर केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज रखा है। इसमें 173 ग्रामीण सड़कों को मंजूरी मिल गई है। इन सड़कों के निर्माण पर 330 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। लोक...
More »झारखंड: संगीनों पर सुरक्षित गांव- चंद्रिका की रिपोर्ट
यह उन लोगों की कहानियां हैं, जो आजादी, इंसाफ और शांति के साथ जीना चाहते हैं. अपने गांव में खेतों में उगती हुई फसल, अपने जानवरों, अपनी छोटी-सी दुकान और अपने छोटे-से परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी चाहते हैं. लेकिन यह चाहना एक अपराध है. अमेरिका, दिल्ली और रांची में बैठे हुक्मरानों ने इसे संविधान, जनतंत्र और विकास के खिलाफ एक अपराध घोषित कर रखा है. उनकी फौजें गांवों...
More »पानी की कमी से जूझ रहे इंसान, फाइलों में बंद योजनाएं
शिमला. प्रदेश की 28 पेयजल योजनाएं नाबार्ड के पास लटकी हुई हैं। ये सभी ऐसी योजनाएं हैं, जिसे विधायकों ने प्राथमिकता में डाल रखा था। विधानसभा और अन्य मंचों पर मामला उठने के बाद भी जनता को निराशा ही हाथ लगी है। इससे कई क्षेत्र अब भी पानी की कमी से जूझ रहे हैं। नाबार्ड ने अब तक इन योजनाओं पर गौर तक नहीं किया है, वहीं सरकार ने भी योजनाएं...
More »विज्ञान का लोकतांत्रिक चेहरा- वंदना शिवा
हाल ही में साइंस पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बताया था कि देश में विज्ञान के विकास के लिए दो तकनीकों पर ध्यान देना जरूरी है- पहला कृषि में जीई (जेनेटिक इंजीनियरिंग) बीज और फसल का उपयोग तथा दूसरा परमाणु ऊर्जा। दुर्भाग्य से, हमारी अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिए ये दोनों ही तकनीकें खतरनाक हैं। तब प्रधानमंत्री ने गैरसरकारी संगठनों पर भी उंगली उठाते हुए कहा...
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