कृषि क्षेत्र के लिए टर्म्स ऑफ ट्रेड यानी उसके उत्पादों की मिलने वाली कीमत और उसके द्वारा खऱीदे जाने वाली वस्तुओं और उपयोग की जाने वाली सेवाओं के लिए चुकायी जाने वाली कीमत के अनुपात के मामले में एनडीए सरकारों का दौर किसानों के लिए फायदेमंद नहीं रहा है। इसे केवल संयोग कहा जाए या नीतियों के मोर्चे पर किसानों के हितों की अनदेखी। लेकिन सचाई यह है कि पिछली...
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कृषि क्षेत्र के विकास के लिए बजट से 5 बड़ी उम्मीदें- विजय सरदाना
देश के हर नागरिक को खाद्य सुरक्षा देने के लिए खाद्यान्यों की बर्बादी रोकना और उत्पादन को बढ़ावा देना काफी महत्वपूर्ण है। इस दिशा में ठोस पहल कर सरकार खाद्य महंगाई को काबू में करने के साथ-साथ चालू खाता घाटे को भी नियंत्रित कर सकती है। इसके अलावा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार दी सकती है। हालांकि, यह बात भी सही है कि केंद्र सरकार किसानों और निजी क्षेत्र को...
More »यूरिया आयात में हुई देरी से देश में पैदा हुआ उपलब्धता का संकट- हरवीर सिंह
केंद्र की एनडीए सरकार ने अगर समय रहते यूरिया आयात का फैसला ले लिया होता तो किसानों को यूरिया उपलब्धता का संकट नहीं झेलना पड़ता। दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में किसानों को रबी सीजन में यूरिया की उपलब्धता संकट का सामना करने के साथ ब्लैक में यूरिया खऱीदना पड़ा। बड़ी संख्या में देश के अधिकांश गेहूं उत्पादक किसानों को जरूरत के मुताबिक यूरिया नहीं मिल...
More »दिल्ली की हार के बाद बनेगा आर्थिक नीतियों में बदलाव का दबाव
नई दिल्ली. करीब 9 महीने पहले नरेंद्र मोदी 'अच्छे दिनों' के नारे और वादों के साथ पर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए थे। इसके लिए उन्होंने बहुत ही प्रभावशाली तरीके से गुजरात के विकास के मॉडल को देश के सामने रखकर लोगों को 'अच्छे दिनों' का सपना दिखाया था। लेकिन जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार मिली है, उससे साफ हो...
More »बेहतर है सब्जी का उत्पादन- एस एस सिंह
देश में सब्जियों की खेती 90.2 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है, जिसमें कुल उत्पादन 16.21 करोड़ टन (162.18 मिलियन टन) होता है। देश में सब्जी की औसत उत्पादकता 17.36 टन प्रति हेक्टेयर है। सब्जियों के क्षेत्रफल में भारत की हिस्सेदारी विश्व में 12.16 प्रतिशत है, जबकि उत्पादन में 11 फीसदी। वैश्विक सब्जी उत्पादन में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है। पिछले 15 वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर...
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