बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान का सबसे ज्यादा खामियाजा इस बार अगर किसी उठाना पड़ा है तो वो किसान हैं। जिनकी बर्बाद फसलों ने उन्हें इसकदर तोड़ दिया कि वह खुद को संभालने में ही असफल होते जा रहे हैं। शायद इसीलिए देश के अलग-अलग हिस्सों से किसानों के आत्म हत्या की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में एक किसान ऐसा भी मिला जो अपनी बर्बाद फसलों को देखकर ऐसा दुखी...
More »SEARCH RESULT
बरबाद हुई फसल के लिए किसानों को मिलेगा डेढ़ गुना मुआवजा
नई दिल्ली। बेमौसम बारिश से फसलों के भारी नुकसान का संकट झेल रहे किसानों को सरकार ने मुआवजा राशि को बढ़ाकर डेढ़ गुना कर बड़ी राहत दी है। बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसल के लिए मुआवजे की राशि बढ़ा कर डेढ़ गुना करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुद्रा बैंक की लांचिंग के मौके पर की। साथ ही वह किसान भी हकदार होगें जिनकी 33...
More »किसानों को केंद्र से मिली राहत की असलियत, नुकसान की भरपाई दूर की कौड़ी- हरवीर सिंह
भू-अधिग्रहण और किसानों की खुदकुशी के बीच मोदी सरकार ने बुधवार को किसान हितैषी फैसलों की झड़ी लगाकर अपने राजनीतिक नुकसान की भरपाई करने की भरपूर कोशिश की है। इन उपायों के तहत बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसलों के लिए सहायता राशि बढ़ाई गई है। नुकसान के आकलन के लिए 50 फीसदी सीमा को घटाकर 33 फीसदी करने, प्रभावित किसानों को कर्ज अदायगी में ज्यादा मोहलत और...
More »बारिश से तबाह किसानों को मोदी ने दी बड़ी सौगात
बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि से तबाह हुए लाखों किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बड़े ऐलान किए। नई व्यवस्था के तहत अब 50 फीसदी की जगह 33 फीसदी फसल खराब होने पर भी किसान मुआवजे के हकदार होंगे। प्रधानमंत्री ने मुआवजे की राशि में भी 50 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के ऋण का पुनर्गठन...
More »खाली हैं अन्न उपजाने वाले हाथ- देविन्दर शर्मा
कृषि मोर्चे पर एक नया संकट आ गया है। सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार द्वारा किसानों को फसल उत्पादन की कुल लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देने में असमर्थता जताने के बाद तलवारें खिंच गई हैं। मार्च के मध्य से ही कई किसान संगठन इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है। वाकई लोकसभा चुनाव के दौरान ही...
More »