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कावेरी जल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्नाटक खुश, मिलेगा अधिक पानी

नयी दिल्ली/बेंगलुरू : दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के बीच वर्षों पुराने कावेरी जल विवाद मामले में शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने आज अपना फैसला सुनाया. उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि कर्नाटक अपने अंतरराज्यीय बिलीगुंडलु बांध से कावेरी नदी का 177.25 टीएमसीएफटी जल तमिलनाडु के लिए छोड़े. सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से कर्नाटक को 14.75 टीएमसीएफटी जल अधिक मिलेगा. यह न्यायाधिकरण द्वारा वर्ष...

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गेर्रागुड़ा : यहां आधी आबादी दिव्यांग, 30 की उम्र में लाठी का सहारा

भोपालपट्टनम, बीजापुर । भूगर्भीय जल में फ्लोराइड की अधिकता अंचल के कई गांवों के युवाओं को तीस साल की उम्र में ही लाठी थामने के लिए विवश कर दिया है। ऐसा ही एक गांव गुल्लागेटा पंचायत का गेर्रागुड़ा भी है। यहां पेयजल में फ्लोराइड की अधिकता ने गांव की आधी आबादी को दिव्यांग की श्रेणी में ला खड़ा किया है। स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से पीने लायक पानी का बंदोबस्त...

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बांध, पर्यावरण और जनजीवन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

महानंदा नदी को क्या कोसी नदी की तरह ही बिहार या सीमांचल का अभिशाप कहा जा सकता है? यह सवाल उठा रहे हैं कटिहार जिला के कदवा प्रखंड में जमा हुए हजारों लोग. देश में राजनीति के बदले माहौल में भी यदि यह संभव हो सका कि आस-पास के कई विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान और भूतपूर्व विधायक अपनी पार्टियों की पहचान से ऊपर उठकर एक मंच पर आ सकें और...

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सुनिश्चित हो खाप की जवाबदेही-- जगमती सांगवान

अभी कुछ ही दिन पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि दो वयस्कों की शादी में कोई भी बाधा नहीं बन सकता. ऑनर किलिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने खाप पंचायतों को फटकार लगायी थी कि बालिग लड़के-लड़की की शादी के उनके फैसले में कोई भी दखल नहीं दे सकता. ऐसा करने का किसी को भी कोई अधिकार नहीं...

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अपनी जड़ों को खोजते वे भारतवंशी- बद्री नारायण

हिंदी पट्टी ने ब्रिटिश उपनिवेश काल में अनेक मुसीबतें झेलीं। इनकी दो मुसीबतें अत्यंत महत्वपूर्ण रही हैं, जिन्होंने मिलकर हिंदी क्षेत्र का वर्तमान रचा है। एक तो 1857 का विद्रोह, दूसरा गिरमिटिया विस्थापन, जिसे प्रवास, उत्प्रवास कुछ भी कहा जा सकता है। भोजपुरी के प्रसिद्ध नाटककार भिखारी ठाकुर ने इसे बिदेसिया हो जाना भी कहा है। 19वीं सदी में दास प्रथा की समाप्ति के बाद दुनिया में आक्रामक रूप से...

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