जनसत्ता 26 अगस्त, 2014 : आदिवासी समाज के बारे में इधर हमारी दृष्टि बदली है। बावजूद इसके आदिवासी बहुल इलाकों के बाहर आदिवासी समाज के बारे में अब भी एक कौतूहल का भाव रहता है। इस परिप्रेक्ष्य में यह जानना दिलचस्प होगा कि गैर-आदिवासी समाज आज भी आदिवासी समाज को किस रूप में देखता है। राजनेताओं की नजर में आदिवासी समाज की अहमियत क्या है, इसे हम कुछ उदाहरणों से...
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बेटियों की शिक्षा के लिए दो नए कार्यक्रम
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने प्राथमिक शिक्षा में दो नए कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इनमें एक बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और दूसरा पढ़े भारत, बढ़े भारत कार्यक्रम शामिल हैं। यहां राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ बैठक के दौरान इन कार्यक्रमों की आधिकारिक शुरुआत की गई। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत लड़कियों को बचाने, उनकी परवरिश और शिक्षा पर विशेष फोकस करना है। स्कूलों में...
More »बच्चों के हित में एकीकृत बाल संरक्षण योजना- आर के नीरद
मित्रो, बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर परिवार, समाज और सरकार सभी चिंता करते हैं. ये इन सभी के भविष्य की बुनियाद हैं. इन्हें जितना मजबूत बनाया जायेगा, सब का भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. इस तथ्य के बाद भी आंकड़े बताते हैं कि हम बच्चों की जान बचाने में अब भी पीछे हैं. जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उनमें कुपोषित बच्चों की संख्या भी अधिक होती है. बच्चों...
More »बजर पड़े तो बजरा बोएं, आधुनिक तरीके से करें बाजरे की खेती- डा. प्रवीण कुमार द्विवेदी
बाजरा अथवा पर्लमीलेट (पेनीसेटम टाईफ्वायडस एल) एक महत्वपूर्ण मोटे अनाज वाली फसल है. इसकी खेती प्रागैतिहासिक काल से अफ्रीका एवं एशिया प्रायद्विप में होती रही है. तमाम मौसम संबंधित कठोर चुनौतियों का सामना खासकर सूखा को आसानी से सहने के कारण राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्रा, ओडीसा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं अन्य सुखा ग्रस्त क्षेत्रों की यह महत्वपूर्ण फसल है. समस्त अनाजवाली फसलों में सूखा के प्रति सर्वाधिक प्रतिरोधक...
More »नशे में डूबते केरल को बचाएं - पत्रलेखा चटर्जी
आखिर इसकी क्या वजह हो सकती है कि जो केरल अपनी उच्च साक्षरता दर और मानव विकास में उल्लेखनीय प्रगति के लिए जाना जाता है, वही शराब के उपभोग के मामले में भी पूरे देश में अव्वल है। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की कांग्रेस नेतृत्व वाली राज्य सरकार की हालिया घोषणा के साथ ही यह सवाल एक बार फिर से चर्चा में है। यहां के मुख्यमंत्री ओमन चांडी कहते...
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