बीते सोमवार की रात को, दवाओं की कीमतों के नियामक, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सबको चौंका दिया. उसने उन 108 दवाओं को नियंत्रण से मुक्त कर दिया है, जिन्हें उसने दो महीने पहले ही ‘जनहित' के आधार पर मूल्य नियंत्रण के तहत लिया था. उसने इसकी कोई वजह नहीं बतायी. सिर्फ इतना कहा कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रलय के...
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इको-फ्रेंडली सीमेंट से सस्ते में बनेंगे मकान, सीमेंट में लाइमस्टोन की जगह होगी मिट्टी
नई दिल्ली. कम निवेश में गांवों के कच्चे मकानों को पक्का करने के साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में आईआईटी दिल्ली, मद्रास और मुंबई मिलकर इको-फ्रेंडली सीमेंट बना रहे हैं। जिसके निर्माण में कम कार्बन का उत्सर्जन होगा। दरअसल इस तकनीक को स्विस की एक संस्था ईपीएफएल ने इजाद किया है और क्यूबा में घरों के निर्माण इस इको-फ्रेंडली सीमेंट से हो रहे हैं। विश्व की सीमेंट...
More »क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई
लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...
More »काशी की बुनकरी चमकाने में निफ्ट की गांठ - ऋतु सिंह
शहर के बुनकरों की कला को विश्व पटल पर चमकाने की बहुप्रतीक्षित योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। भारत सरकार व निफ्ट के बीच शहर में डिजाइनर स्टूडियो बनाने का एक साल पूर्व हुआ करार टूट गया है। करार टूटने के पीछे निफ्ट की कॉपीराइट की मांग रही है। छह महीने पूर्व ही डिजाइनर स्टूडियो बनाने के लिए चौकाघाट स्थित बुनकर सेवा केंद्र में जगह निर्धारित की गई थी। ...
More »छत्तीसगढ़ में फिर लहलहाएगी दुबराज, विष्णुभोग की फसल
दिलीप साहू, रायपुर। दो दशक पहले तक छत्तीसगढ़ की पहचान रहे दुबराज, जवाफूल, बादशाह भोग, विष्णु भोग, चिन्नौर जैसे सुगंधित धान अब विलुप्ति के कगार पर हैं। हाईब्रीड व अधिक उपज देने वाली स्वर्णा, एमटीयू 1010 जैसी किस्मों के विस्तार के साथ परंपरागत क्षेत्रीय सुगंधित धान की किस्में गांवों से ज्यादातर समाप्त हो चुकी हैं। विलुप्त होते ऐसे पारंपरिक सुगंधित धान की 30 से अधिक वेराइटी को फिर से सहेजने...
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