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न्यूज क्लिपिंग्स् | काशी की बुनकरी चमकाने में निफ्ट की गांठ - ऋतु सिंह

काशी की बुनकरी चमकाने में निफ्ट की गांठ - ऋतु सिंह

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published Published on Sep 19, 2014   modified Modified on Sep 19, 2014

शहर के बुनकरों की कला को विश्व पटल पर चमकाने की बहुप्रतीक्षित योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। भारत सरकार व निफ्ट के बीच शहर में डिजाइनर स्टूडियो बनाने का एक साल पूर्व हुआ करार टूट गया है। करार टूटने के पीछे निफ्ट की कॉपीराइट की मांग रही है। छह महीने पूर्व ही डिजाइनर स्टूडियो बनाने के लिए चौकाघाट स्थित बुनकर सेवा केंद्र में जगह निर्धारित की गई थी।

इस डिजानइर स्टूडियो के खुलने से यहां के बुनकर व हस्तकला से जुड़े कारोबारियों को विश्वस्तर पर बाजार पाने की उम्मीद जगी थी लेकिन अब सपना बिखरता लग रहा है। निफ्ट व हथकरघा विभाग के सहयोग से बनारसी ड्रेस मेटेरियल के नए बाजार की तलाश पर भी ब्रेक लग गया है। इस स्टूडियो की जरूरत हर साल यहां लगने वाले हिन्दटैक्स बायर-सेलर मीट को देखते हुए महसूस की गई थी।

क्या होता डिजाइनर स्टूडियो में
निफ्ट के प्रोफेशनल डिजाइनर व बुनकर के सहयोग से स्टूडियो में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुरूप फैशन, ट्रेंड व कलर कांबिनेशन पर बनारसी वस्त्रों का निर्माण होना था। इससे बुनकरों को बाजार और डिजाइनर बनारसी ड्रेसमेटेरियल से बने डिजाइनर वस्त्रों को देश-विदेश तक पहुंचाते। स्टूडियो में नए ट्रेंड के अनुसार वस्त्र तैयार करने के तरीके, डिजाइन बनाते और उनकी बुनाई बुनकर करते।

करार टूटने की वजह
निफ्ट डिजाइनर स्टूडियो में बने बनारसी वस्त्रों की कॉपीराइट चाहता था। निफ्ट की मांग थी कि यहां होने वाले हर काम या निर्माण का कॉपीराइट उसे मिले। हस्तकरघा विभाग ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। विभाग का मनाना था कि यह सहयोग का काम था और बनारसी वस्त्र कला से यहां का बुनकर जुड़ा है। कॉपीराइट निफ्ट को मिलते ही इसकी पहचान पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

इसलिए हुई डिजाइनर स्टूडियो की घोषणा
यूपिया (पूर्वांचल निर्यातक संघ) के 'हिन्दटैक्स' बायर-सेलर मीट में आने वाले विदेशी खरीदारों की पंसद को देखते हुए बनारसी वस्त्र की बुनाई, डिजाइन व कलर कांबिनेशन में परिर्वतन की सोच सामने आई। हथकरघा मंत्रालय के तत्कालीन विकास आयुक्त बलविन्दर कुमार ने स्टूडियो के निर्माण की घोषणा 2012 सितंबर में 'हिन्दटैक्स' के दूसरे बायर-सेलर मीट में की। सितंबर 2013 में तीसरे हिन्दटैक्स बायर-सेलर मीट में हथकरघा विकास आयुक्त बलविन्दर कुमार ने डिजाइनर स्टूडियो निफ्ट के सहयोग से खोलने की बात की। छह महीने पूर्व उन्होंने इसके लिए बुनकर सेवा केंद्र में जगह निर्धारित भी कर दी। छह महीने में इसे बन कर तैयार होना था, लेकिन इसी बीच करार टूट गया।

निफ्ट बनारसी उत्पादों की कॉपीराइट मांग रहा था। जबकि इस स्टूडियो में निफ्ट व बुनकर के सहयोग से किसी भी उत्पाद का निर्माण होना था, ऐसे में बुनकरों का हक मारा जाता। अब डिजाइनर स्टूडियो से निफ्ट ने हाथ खींच लिया है। ऐसे में स्टूडियो नहीं शुरू हो सकेगा। हम अपने संसाधनों के बल पर बनारसी वस्त्र उद्योग को और बुलंदियों पर ले जाएंगे।
तपन शर्मा, उपनिदेशक, हैंडलूम, बुनकर सेवा केंद्र

डिजाइनर स्टूडियो से काफी उम्मीदें थी, लेकिन बीच में करार खत्म होना दुखदाई है। एक नई दिशा यहां के बनारसी उद्योग को मिलती लेकिन यूपिया अपने स्तर से भी कुछ न कुछ करेगी। नवीन कपूर, यूपिया के पूर्व उपाध्यक्ष


http://www.livehindustan.com/news/desh/mustread/article1-Bunkari-of-Kashi-NIFT-332-332-451912.html


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