झारखंड में पिछले कुछ दिनों से शिक्षा पर बात हो रही है. आंदोलन हो रहे हैं. प्रदर्शन हो रहे हैं. इंटर का परीक्षा परिणाम आने के बाद बवाल मचा हुआ है. लेकिन यह सब आश्चर्य की बात नहीं. झारखंड में पिछले दस साल में शिक्षा की जो गति रही है उसकी परिणति ऐसी ही दुर्गति के रूप में होनी थी. अनुपमा की रिपोर्ट जिस राज्य में एक निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री बन...
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सब्सिडी का अनोखा खेल-डॉ भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने मन बनाया है कि लाभार्थी को सब्सिडी नगद रूप में दी जाए. वित्त मंत्री के मंतव्य का स्वागत किया जाना चाहिए. गरीब के नाम पर उच्चवर्ग और कंपनियों को पोषित करना उचित नहीं. हमारे धर्मग्रंथों में भी गरीब को नगद देने की बात कही गयी है. सरकार द्वारा डीजल, यूरिया, खाद्यान्न आदि पर सब्सिडी दी जा रही है. आम आदमी समझता है कि इससे उसे राहत मिल रही...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
More »शहरी स्कूलों में नहीं जलेगा मिड-डे-मील का चूल्हा
लुधियाना। शहरी क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की नजर अब सुबह से रसोई की तरफ नहीं टिकेगी। राज्य शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में मिड डे मील का चूल्हा बंद करने की योजना बना दी है। शहरी स्कूलों में विद्यार्थियों को मिड-डे-मील का खाना सेंट्रलाइज्ड रसोइयों से सप्लाई किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने सेंट्रलाइज्ड रसोइयों के लिए अलग अलग निजी कंपनियों से आवेदन भी मांग लिए हैं। विभाग के...
More »बढ़ते गरीब और बेमानी बहस - अश्वनी कुमार
देशभर के शहरों में रहनेवाले गरीबों के आंकड़े जुटाने के लिए एक जून से सात माह का सर्वे शुरू हो चुका है. इसके साथ ही गरीबों की पहचान के मानदंड पर बहस भी फ़िर छिड़ गयी है. यह विडंबना ही है कि तमाम योजनाओं के बावजूद गरीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है. शहरी गरीबों की गणना की खबरों के साथ ही गरीबी को लेकर जारी बहस फ़िर छिड़ गयी है....
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