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एक माह में पता चलेगा, देश में गरीब कितने!

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में गरीबों की संख्या कितनी है? इस सवाल के जवाब पर सरकार में फिलहाल असमंजस है। लिहाजा, उसने घोषणा की है कि अगले एक माह में गरीबों की संख्या के आंकड़े राज्यवार तय कर लिए जाएंगे। नए आंकड़ों के अनुसार ही राज्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अनाज का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गरीबों की संख्या का मुद्दा फिर उठा। विभिन्न सदस्यों ने...

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आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला

“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के  जज पी वी (रिटायर्ड)...

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आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला

“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट...

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या यूं कहो! इस अंधेरी कोठरी में एक रोशनदान है

हाजीपुर। एक बूढ़ा आदमी है मुल्क में, या यूं कहो! इस अंधेरी कोठरी में एक रोशनदान है। जी हां, हम बात कर रहे है वैशाली जिले के पातेपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके बालेश्रवर सिंह पासवान की। आसमां है चादर, सोते हैं सुकून से जमीं को बिस्तर बना। टिन शेड का छोटा सा चार कमरों का घर। पैदल घूमते हैं शहर में। न किसी से दुश्मनी और न किसी का भय। पास में पूंजी...

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अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला

नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...

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