रायपुर। चिकित्सा के क्षेत्र में हलचल मचा देने वाले गर्भाशय कांड की गूंज देश-विदेश में पहुंचने लगी है। कम उम्र में बिना कारण गर्भाशय निकालने वाले कुछ डाक्टरों के कृत्य को देश ही नहीं विदेशों के कई प्रमुख अखबारों ने प्रमुखता से लिया है। इंटरनेट पर भी यह प्रकरण छाया हुआ है। दैनिक भास्कर ने 2 जून को गर्भाशय कांड का सनसनीखेज खुलासा किया था। भास्कर ने राजधानी से 25 किलोमीटर दूर...
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बात आदर्श विधायिका की- ।।हरिवंश।।
टाइम ’ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर छपे लेख ‘द अंडरएचीवर ’ पर पूरी भारतीय राजनीति में तीखी बहस हुई. पर इसी लेख में एक अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी हैं. भारतीय संसद पर. दरअसल, भारतीय राजनीति में संवेदना, चरित्र और सिद्धांत शीर्ष होते, तो बवाल या बवंडर इस अंश पर होना चाहिए था. यह टिप्पणी सब पर है, पक्ष-विपक्ष समेत पूरी राजनीति पर. संसद कितना कामकाज करती है? गुजरे सत्र में सिर्फ...
More »भारत की आधुनिकता का बड़बड़झाला- कृष्ण कुमार
तमिलनाडु के मदुरैई जिले की एक स्कूल प्राचार्या ने उन दो लड़कियों को स्कूल में प्रवेश देने से मना कर दिया जिनका विवाह उनके माता पिता ने कक्षा 10वीं पास करने के बाद कर दिया था। प्रारंभिक तौर पर यह ऐसा लगता है कि प्राचार्या ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही व्यापक सामाजिक संदर्भ में यह बड़ा अजीब लगता है और यह अस्वीकार्य भी है कि किसी लड़की को शिक्षा का...
More »गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप
जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...
More »गांधी और आंबेडकर का रिश्ता- श्रीभगवान सिंह
जनसत्ता 7 जुलाई, 2012: पिछले दो-तीन दशकों का एक बड़ा राजनीतिक यथार्थ यह है कि राष्ट्रपिता के रूप में समादृत गांधी के ऊपर डॉ भीमराव आंबेडकर को न सिर्फ खड़ा करने, बल्कि गांधी को आंबेडकर और दलित विरोधी भी सिद्ध करने की कोशिश लगातार की जा रही हैं। यह सब हो रहा है आंबेडकर के नाम पर दलित राजनीति करने वाले आंबेडकरवादियों द्वारा, क्योंकि इसके जरिए उनके लिए एक समुदाय...
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