रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
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खेती बिना खेत के, आमदनी जेब भरके
घर में उत्पादन -कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण पाकर सफल हो रहे किसान - बीज उत्पादन के गुर सिखाने से लेकर मदर कल्चर मिल रहा मुफ्त - विश्वविद्यालय व कृषि विज्ञान केन्द्र से किसान उठा सकते बीज अमरेन्द्र तिवारी,मुजफ्फरपुर : 'खेती बिना खेत के..' सुनकर आपको भले आश्चर्य लगे, लेकिन बात है सौ फीसदी सही। राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा की पहल पर बिना खेत वाले लोग भी मशरूम की खेती कर अपनी जेबें भर...
More »मुआवजे की आग में जल रहा है पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दो किसानों सहित चार की मौत- विजय उपाध्याय
लखनऊ/ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ फूटा किसानों का आक्रोश ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर अलीगढ़, मथुरा और आगरा तक पहुंच गया है। ग्रेटर नोएडा में सुरक्षा बलों के साथ झड़प में मरने वालों की संख्या चार हो गई है। उधर किसानों से सहानुभूति जताने भट्टा परसौल गांव जा रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह को पुलिस ने...
More »जहरीली मक्का पर सरकार मौन : ए. जयजीत
भोपाल. बीटी बैंगन को घातक बताकर जोरदार विरोध करने वाली राज्य सरकार ने अब ‘जहरीले’ मक्के के प्रदेश में होने वाले फील्ड ट्रायल पर चुप्पी साध ली है,जबकि केंद्र ने ट्रायल का फैसला राज्यों पर छोड़ रखा है। वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) मक्के के फील्ड ट्रायल से मक्के की अन्य फसलें हमेशा के लिए प्रदूषित हो सकती हैं। इसी आधार पर बिहार सरकार ने अपने यहां...
More »राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी
सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...
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