छत्तीसगढ़ के कोटा विकासखंड का गांव सेमरिया। इस गांव के किसान फेंकूराम गंधर्व और संतोषी बाई ने उतेरा खेती विधि से फसल उगाई है। अभी उनके खेत में बटरी की फसल लहलहा रही है। फेंकूराम और संतोषी की तरह ही दानोखार, फुलवारीपारा, करहीकछार, सेमरिया के किसान भी फसल उगाने के लिए उतेरा खेती विधि का प्रयोग करते हैं. उतेरा खेती विधि में एक फसल कटने से पहले दूसरी फसल को बोया...
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किसान बढ़े तो अर्थव्यवस्था उबरे
-आउटलुक, “मंदी के दुश्चक्र से, देश की अर्थव्यवस्था किसान की हालत सुधरने से ही निकलेगी, लेकिन खेती-किसानी की आय में इजाफे के लिए सरकारी बैसाखी नाकाफी, किसानों की संगठित पहल जरूरी” हाल में आए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू साल की तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो सात साल में सबसे...
More »किसान के बेटे ने नाले के पानी से किया 3 केवी बिजली उत्पादन
-फसल क्रांति अच्छी सोच जज्बा के साथ मेहनत और लगन हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसे ही रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड अंतर्गत बेयांग गांव के 27 वर्षीय केदार प्रसाद महतो ने गांव के सेनेगड़ा नाला में दो किलोवाट बिजली उत्पादन अपने मेहनत व लगन से किया। इससे आसपास लोग देख चकित हो गए हैं। इसे देखने के लिए प्रतिदिन लोगों का भीड़ लग रही है। गोला प्रखंड के...
More »नदीसूत्रः तमिलनाडु के लोकजीवन और लोकाचार में नदियां
- इंडिया टूडे हिंदी, अगर कोई कहे कि दुनिया भर की अधिकतर सभ्यताएं नदियों के किनारे फूली-फलीं और विकसित हुईं तो यह कोई नई बात नहीं होगी. हम सबने यह छठी कक्षा से पढ़ना शुरू कर दिया था. यह और बात है कि अपने आसपास मरती नदियों को देखकर और मुंह फेरकर चल देना हमारी आदतों में शुमार हो चुका है. पर, नदियां न सिर्फ मानव सभ्यताओं के बढ़ने और उनकी जिजीविषा...
More »पहली बार परती ही छूट गई मोकामा टाल की 10 हजार एकड़ जमीन, किसान परेशान
अपनी खास भौगोलिक स्थिति के कारण पहचाने जाने वाले मोकामा टाल में इस साल करीब 10 हजार एकड़ जमीन परती छूट गई। स्थानीय लोग बताते हैं कि उनके ज्ञात इतिहास में ऐसा पहली दफा हुआ है। दाल के कटोरे के नाम से मशहूर टाल इलाके में इस बार गंगा नदी का पानी जनवरी के पहले सप्ताह तक जमा रह गया, जो अमूमन सितंबर महीने तक निकल जाता था, इस वजह...
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