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पंचायत के रास्ते जन तक पहुंचा तंत्र

प्रदीप श्रीवास्तव, नई दिल्ली। तमाम दिक्कतों, सरकारी अवरोधों को गिनाने के साथ मणिशंकर अय्यर मानते हैं कि पंचायत राज व्यवस्था ने जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्रशिक्षित लाखों लोगों की एक फौज खड़ी की है। खासकर इससे महिलाओं को आगे लाने में काफी कामयाबी मिली है। पंचायती राज के जरिए जनता देश में 38 लाख प्रतिनिधि चुनती है। इसमें 14 लाख महिलाएं होती हैं। अय्यर के मुताबिक, पिछले 20...

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माओवाद को लेकर मतिभ्रम- विनोद कुमार

जनसत्ता 31 मई, 2013: झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित देश के वनक्षेत्र वाले इलाकों में माओवादी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। हाल में झारखंड से सटे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर हमला कर माओवादियों ने तीन दर्जन लोगों को मार डाला। इस हमले में मारे जाने वाले कुछ सुरक्षाकर्मियों सहित कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता हैं। आजादी के साढ़े छह दशक बाद भी कांग्रेस और भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टियां अगर ‘विकास...

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‘90 फीसदी महिलाएं अपनी गुलामी का जश्न मनाती हैं’

स्त्री मुक्ति और आदिवासी संघर्ष का जिक्र करें तो रमणिका गुप्ता का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अपने लंबे संघर्षमय जीवन के विभिन्न पड़ावों एवं एक लेखिका-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में दोहरे जीवन की चुनौतियों के बारे में उनकी पूजा सिंह से बातचीत. आप सक्रिय राजनीति में रहीं. तीन दशक पहले चुनाव भी जीतीं. आज देश के कई बड़े राज्यों में महिला मुख्यमंत्री हैं. केंद्र में भी सबसे प्रभावी...

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नकली नक्सली-अनुपमा और निराला की रिपोर्ट.

झारखंड में माओवादी कमजोर हुए हैं मगर उनके इस सबसे बड़े गढ़ में माओवाद के नाम पर चलने वाले आपराधिक संगठनों की कोई कमी नहीं है. अनुपमा और निराला की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय 27 मार्च, 2013. झारखंड में चतरा जिले का लकड़मंदा गांव. बिहार सीमा के पास बसे इस इलाके का सन्नाटा आधी रात को अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से टूट गया. पास के जंगल में हो रही भयानक गोलीबारी...

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भूमि अधिग्रहण और आदिवासी

जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...

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