गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...
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लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा
गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...
More »जनता कौन है आखिर?- प्रेम प्रकाश पांडेय
भारत के संविधान में लोक-कल्याणकारी राज्य की स्थापना का स्पष्ट विधान है, जिसमें जन-प्रतिनिधियों, लोक-सेवकों और समूचे तंत्र को लोकहित में काम करने का स्पष्ट निर्देश भी है। 'सरकार' शब्द की कल्पना और अवधारणा ही इसी आधार पर टिकी हुई है। समाज ने जब पहली बार अपने लिए सरकार की जरूरत महसूस की होगी, तो उसके पीछे लोकहित, लोक सुरक्षा और लोकानुराग ही प्रमुख तत्व थे। इस बार 25 जनवरी को...
More »रिटेल में एफडीआइ से होगा नुकसान- धर्मेंद्र कुमार
दिल्ली सरकार के फैसले का होगा दूरगामी असर दिल्ली देश का पहला राज्य है, जिसने भारत सरकार के मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआइ की स्वीकृति को पलट दिया है. आम आदमी पार्टी का विदेशी रिटेल के खिलाफ यह फैसला उसी स्वराज की राजनीतिक लाइन और चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप है. कई देशों जैसे कि बेल्जियम, डेनमार्क में यह प्रावधान है कि इलाके में मॉल खोलने के लिए मोहल्ला समितियों की स्वीकृति...
More »खाद्य सब्सिडी का अंकगणित - अमित तिवारी
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...
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