SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 727

बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास

इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...

More »

सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज

नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...

More »

सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज

नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...

More »

बासमती को लेकर भारत और पाकिस्तान में बनी सहमति

नई दिल्ली। भारतीय बासमती चावल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक नई पहचान मिली है। यह प्रतिष्ठा दिलाने में पाकिस्तान उसके साथ है। लंबे दाने के खुशबू वाले बासमती को जीआई टैग दिलाने में भारत के दावे का पाकिस्तान ने वैश्विक स्तर पर खुलकर समर्थन किया है। बासमती के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच एक अंतरिम समझौता भी है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि बासमती...

More »

57 साल में 225 गुना बढ़ी सैलरी..- धर्मेन्द्रपाल सिंह

करीब पौने दो साल की मशक्कत के बाद केंद्र द्वारा गठित सातवें वेतन आयोग ने जो रिपोर्ट सौंपी है उससे भारत सरकार के सैंतालीस लाख कर्मचारियों और बावन लाख पेंशनभोगियों को सीधे-सीधे लाभ पहुंचेगा। परंपरा के अनुसार मामूली कतर-ब्योंत के बाद देश भर की राज्य सरकारें, स्वायत्तशासी संस्थान और सरकारी नियंत्रण वाली फर्म भी वेतन आयोग को अपना लेती हैं। इस हिसाब से इसका असर संगठित क्षेत्र के दो करोड़...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close