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विकास को उल्टी दिशा में न मो‌ड़ें- सुभाषिनी अली

पिछले हफ्ते दो रिपोर्टें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें कई वर्षों के बाद भारत के गरीबों, महिलाओं और बच्चों की स्थिति के बारे में कुछ ऐसे आंकड़े छपे, जिनसे कुछ आशा पैदा हुई। वर्षों से भारतीय बच्चों के बारे में यही सच्चाई बार-बार सामने आती थी, कि उनमें से तकरीबन आधे कुपोषण के शिकार हैं। यूनिसेफ और महिला व बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 2005-07 में...

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‘एक तिहाई भारतीय महिलायें और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे कमजोर’

यी दिल्ली: वैश्विक शोध संस्था आईएफपीआरआई ने आज कहा कि एक तिहाई भारतीय महिलायें और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे सामान्य से काफी कम वजन के हैं हालांकि भारत ने कुपोषण से लडने की दिशा में प्रगति की है. अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान :आईएफपीआरआई: ने यह सुझाव भी दिया है कि भारत की केंद्र और राज्य सरकारों को इन निराशाजनक आंकडों से लडने के लिए भूख से निपटने...

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असभ्य समाज का चिह्न है मृत्युदंड- आकार पटेल

आजकल दो अपराधियों की नियति चर्चा में है. एक हैं गुजरात की पूर्व मंत्री मायाबेन कोडनानी, जिन्हें 2002 में राज्य में हुए नरसंहारों में से एक में अपराधी मानते हुए 28 वर्ष की कैद की सजा दी गयी है. उन्हें खराब स्वास्थ्य के आधार पर फिलहाल जमानत मिली हुई है. इस महीने गुजरात सरकार ने कहा है कि वह कोडनानी का पक्ष लेगी और उन्हें जेल भेजने पर आमादा विशेष...

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बिना ईंधन के चलता है यह लिफ्ट एरीगेशन- उमेश यादव

भारतीय सेना से रिटायर्ड हजारीबाग के रहने वाले एक कर्नल ने जल प्रबंधन के लिए देसी पंप ईजाद किया है। यह एक ऐसा एरीगेशन सिस्टम है जिसमें बिना बिजली, डीजल, केरोसिन, पेट्रोल आदि ईंधन के पानी को पाइप के जरिये ऊपर पहुंचाया जाता है। जल प्रबंधन में कर्नल की इस नवीन खोज पर केंद्रित उमेश यादव की रिपोर्ट। पानी का संकट, महंगे पेट्रोल-डीजल और राज्य में बिजली की बदतर स्थिति झारखंड...

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क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई

लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...

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