अलवर & राज्य सरकार की नई नीति के अनुसार गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले गेहूं की मात्रा में कटौती कर दी गई है। अब प्रत्येक बीपीएल परिवार को पहले की अपेक्षा पांच किलो व पूर्व के अंत्योदय चयनित परिवार को दस किलो गेहूं कम मिलेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत यह नई व्यवस्था 10 मई से लागू हो रही है। हालांकि नई व्यवस्था से बीपीएल परिवारों को पहले की अपेक्षा...
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अपने हिस्से की छत की खाक छान रहे गरीब
पटना। धरती के कलेजे से लिपटकर रोज ही अपने घर का रोना रोने वाले शहरी गरीबों के लिए उनके हिस्से की छत का मयस्सर होना अब तक मुश्किल ही है। तीखी धूप में जलता बदन और हाड़ कंपाती ठंड में 'काठ' होते चेहरे की उम्मीद पर निर्माण एजेंसी की कच्छप गति ने पानी फेर दिया है। सूबे में शहरी गरीबों को घर देने की घोषणा सरकार ने कई मौकों पर की है। ऐसी 32 हजार...
More »तारों की ओढ़नी, भूमि का बिछौना
जम्मू [अंचल सिंह]। राज्य में ऐसे परिवारों की कमी नहीं जो तारों की ओढ़नी और भूमि का बिछौना बनाकर सोते हैं। केवल इस आस में कि कभी तो केंद्र की योजनाएं जमीनी स्तह पर पहुंचेंगी और उन्हें भी छत मुहैया होगी, लेकिन गरीबों और उनके आशियाने के बीच 'राजनीतिक पहुंच' आड़े आ रही है। जम्मू-कश्मीर में करीब चार हजार परिवार ऐसे हैं जिनके सिर पर छत नहीं। कोई झोपड़पट्टी में तो कोई खुले में...
More »धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
More »सेहत की आड़ में सेहत से खिलवाड़
कैंसर से बचाने के लिए हजारों गरीब बच्चियों को एक विवादित टीका लगाया जा रहा है और ऐसा करने के लिए सरकार, कंपनियां और गैरसरकारी संगठन नियम-कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. शांतनु गुहा रे और कुणाल मजूमदार की रिपोर्ट नागेश्वर और वेंकटम्मा से जब कोई सरिता के बारे में पूछता है तो वे कुछ नहीं कहते. बस दीवार पर टंगी एक फोटो की तरफ इशारा कर देते हैं. आप कुछ...
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