नई दिल्ली। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए पुणे की एक 20 वर्षीय महिला को उसका 24 हफ्ते का भ्रूण गिराने की अनुमति दे दी है। अदालत ने यह अनुमति शहर के बीजे अस्पताल की उस रिपोर्ट के आधार पर दी है जिसमें महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को अविकसित बताया गया है। अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि महिला के...
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मोबाइल नंबर को जारी रखने के लिए आधार-नंबर जरुरी नहीं-- पढ़िए क्या हैं कारण !
"सेवा जारी रखने के लिए अपना नंबर आधार से जोड़िए. भारत सरकार के मुताबिक मोबाइल सेवा जारी रखने के लिए ऐसा करना जरुरी है!" क्या ऐसा कोई संदेश आपके मोबाइल सेट पर आया है ? क्या आप इस बात से परेशान हैं कि पहचान और निवास का प्रमाणपत्र देने के बाद मोबाइल नंबर मिला था तो फिर उसे आधार-नंबर से जोड़ने के लिए क्यों कहा जा रहा है ? अगर आपके...
More »तीन तलाक पर कमजोर फैसला -- योगेन्द्र यादव
तीन तीन तलाक की प्रथा मानवीयता, संविधान और इस्लाम तीनों के विरुद्ध है. देर-सवेर तीन तलाक को खारिज होना ही था, सो हो गया. लेकिन, मुझे इस फैसले से तीन बड़ी उम्मीदें थीं. एक, इससे तीन तलाक ही नहीं, देश में तमाम महिला विरोधी धार्मिक-सामाजिक कुरीतियों को अमान्य करने का रास्ता खुलेगा. दो, इस बहाने मुस्लिम समाज में सुधार होगा और मुस्लिम अपने कठमुल्ला नेतृत्व से मुक्त होंग. तीन, कानूनी...
More »मुस्लिम महिलाओं को मिली बड़ी जीत - क्षमा शर्मा
22 अगस्त, 2017 की तारीख खासकर मुस्लिम महिलाओं के लिए ऐतिहासिक कही जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की जिस पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने वाला फैसला सुनाया, उसमें विभिन्न् धर्मों को मानने वाले न्यायाधीश थे। इस फैसले से मुस्लिम औरतों के मन से शादी के बाद हमेशा बना रहने वाला तलाक का डर खत्म हो जाएगा। धर्म की आड़ लेकर पुरुषों ने जिस तरह से उन्हें...
More »अनुच्छेद 35 ए का दंश -- भीम सिंह
अनुच्छेद-35 ए जम्मू-कश्मीर में भारतीय नागरिकों पर एक दोमुंही तलवार है जिसे आज तक देश के बुद्धिजीवियों और राजनीतिकों के संज्ञान में नहीं लाया गया। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ एक साजिश थी, जिसकी शुरुआत हुई 14 मई 1954 को, जब भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक अध्यादेश जारी करके अनुच्छेद-35 के साथ ‘ए' जोड़ दिया। भारतीय संविधान के अध्याय-3 में भारतीय नागरिकों को जो मानवाधिकार दिए...
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