बारह वर्षों के झारखंड में आज अगर हूल की प्रासंगिकता समझनी हो तो बुधनी को जानना जरूरी है। हालांकि सांस्कृतिक अतिक्रमण और हमले से गुजर रहे आज के झारखंड में अब ‘बुधनी’ जैसे ठेठ आदिवासी नाम नहीं मिलते हैं फिर भी रजनी, रोजालिया, रजिया जैसे नामों वाली आदिवासी स्त्रियां रोज ‘बुधनी’ बनने के लिए अभिशप्त हैं। कौन है यह बुधनी और ‘हूल’ के संदर्भ में उसकी चर्चा क्यों जरूरी है?...
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भीषण गर्मी और पानी की किल्लत से स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल
राजधानी में जारी भीषण गर्मी व पानी की किल्लत का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ने लगा है। जहां एक ओर दीपाली नामक मरीज द्वारा सफदरजंग अस्पताल के ईएनटी विभाग से गर्मी की वजह से छुट्टी लेने का मामला सामने आया है, वहीं दूसरी ओर नगर निगम के बड़ा हिंदूराव अस्पताल में पानी की किल्लत के कारण 13 सर्जरी की तिथि में बदलाव किया गया है। ध्यान देने वाली बात यह...
More »भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)
मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...
More »टीडीआर-टीबी की सभी दवाएं बेअसर!
नई दिल्ली. टोटल ड्रग रेजिस्टेंस (टीडीआर) टीबी को दबाने की केंद्र सरकार की कोशिश नाकाम हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुंबई में टीडीआर-टीबी के 12 में से 6 मरीजों पर रोकथाम की सभी दवाएं बेअसर हैं। ये मामले जनवरी में पहली बार सामने आने पर मंत्रालय की जांच टीम ने इन्हें एक्सट्रीम ड्रग रेजिस्टेंस (एक्सडीआर) टीबी का नाम देकर रफा-दफा करने की कोशिश...
More »हमने पत्रकारिता के उसूलों की हिफाजत की
बोफोर्स कांड अब एक ऐसा नासूर बन गया है, जो रह-रहकर रिस उठता है। स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रॉम ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कुछ नई बातें कही हैं, जिनसे यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। बोफोर्स सौदे में शीर्ष स्तर पर हुए भ्रष्टाचार का जो खुलासा हुआ, उसमें द हिंदू अखबार के पूर्व प्रधान संपादक एन राम का किरदार काफी अहम था। एन राम...
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