अहमदाबाद. गुजरात में दलितों के साथ जाति आधारित भेदभाव बदस्तूर जारी है। एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि गुजरात में दलितों के साथ छुआछूत लगातार जारी है। दलित नित्य प्रति के कामों जैसे शिक्षा तथा चिकित्सा सुविधा के अलावा वे कहां रह सकते हैं। कौन सा काम कर सकते हैं आदि में भी भेदभाव किया जाता है। इस अध्ययन रिपोर्ट को दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले राज्य के सबसे...
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बेटी को नहीं पढ़ाने पर जुर्माना
बाड़मेर. पंद्रह साल पहले खुद गांव वालों के बनाए नियम ने बाड़मेर से 25 किलोमीटर दूर ‘डूंगेरों का तला’ गांव की बेटियों की तकदीर संवार दी। यह ऐसा गांव है, जहां घर की बेटी को स्कूल नहीं भेजने पर जुर्माना लगता है। नतीजा, हर बेटी यहां पढ़ने जाती है। 20 साल पहले यहां एक भी लड़की पढ़ी-लिखी नहीं थी। दो दशक पहले तक समाज में फैली कुरीतियों के कारण ग्रामीण बेटियों को स्कूल भेजने से...
More »यहां ग्रामीण चलाते हैं रेलवे स्टेशन
बलवंतपुर। जयपुर से 146 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बलवंतपुरा-चैलासी रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही हमारा सामना एक सुखद आश्चर्य से होता है। यह स्टेशन जन प्रयासों का बेमिसाल नमूना तो है ही, आजाद भारत का एकमात्र स्टेशन भी होगा, जिसे ग्रामीणों ने बनाया तो है ही, प्रबंधन और संचालन भी रेलवे नहीं बल्कि उन्हीं के हाथों में है। सुनियोजित तरीके से स्टेशन की बागडोर संभाल रहे ये हाथ झुंझुनूं के पांच ग्राम पंचायतों के हैं,...
More »बस्तर में पुलिस का राज चल रहा
जगदलपुर. माओवादियों ने मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर, संदीप पांडे जैसे ख्यातिनाम गांधीवादियों पर दंतेवाड़ा में अंडे, कीचड़, टमाटर फेंक विरोध जताने को पुलिस प्रशासन और कांग्रेस-भाजपा द्वारा प्रायोजित बताते हुए इसकी निंदा करने को कहा है। भाकपा माओवादी दरभा डिविजनल कमेटी के सचिव गणोश उईके ने समाचार पत्रों को जारी बयान में कहा है कि दंतेवाड़ा-बीजापुर को अर्धसैनिक बलों की छावनी बना दिया गया है। अपने बयान में कमेटी के सचिव ने कहा बस्तर में...
More »खनकती चूड़ियों के बीच हरित क्रांति
संझौली, रोहतास [प्रमोद टैगोर]। पहले जारी होता था सासू जी का फरमान-बहू, घर से बाहर मत निकलना, खानदान की नाक कट जाएगी। पर, अब ऐसी बात नहीं। बदलते परिवेश के साथ जमाना काफी बदला है। सासूजी खेत की मेड़ पर बच्चों की देखभाल कर रही हैं और बहुरिया खेती का काम। रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के मथुरापुर गांव में महिलाएं पूरी तरह आत्मनिर्भर बन गयीं हैं। इनके हाथों की खुरपी, कुदाल, टोकरी ने...
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