रायपुर (ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में कोल ब्लॉक के आवंटन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जिन कोल ब्लॉक को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी, अब कोल मंत्रालय उन कोल ब्लॉक का आवंटन करने की तैयारी में है। एनजीटी ने परसा ईस्ट और केटे बासन कोल ब्लॉक में पर्यावरण स्वीकृति में गड़बड़ी के कारण आपत्ति लगाई थी। इसके साथ ही तारा कोल ब्लॉक के आवंटन पर भी सवाल खड़ा किया था। अब कोल...
More »SEARCH RESULT
चार साल के निचले स्तर पर चीनी की कीमतें,बढ़ी इंडस्ट्री की दिक्कतें
देश में चीनी की कीमतें करीब चार साल के निचले स्तर पर हैं। पश्चिम बाजार (महाराष्ट्र) में चीनी S 30 क्वालिटी के भाव 2350 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गए हैं, जो पिछले कई वर्षों का निचला स्तर है। चीनी की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण मिलों पर गन्ना किसानों के भुगतान का दबाव है। साथ ही इस साल भी चीनी का उत्पादन मांग से ज्यादा होने की संभावना...
More »दिल्ली की हार के बाद बनेगा आर्थिक नीतियों में बदलाव का दबाव
नई दिल्ली. करीब 9 महीने पहले नरेंद्र मोदी 'अच्छे दिनों' के नारे और वादों के साथ पर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए थे। इसके लिए उन्होंने बहुत ही प्रभावशाली तरीके से गुजरात के विकास के मॉडल को देश के सामने रखकर लोगों को 'अच्छे दिनों' का सपना दिखाया था। लेकिन जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार मिली है, उससे साफ हो...
More »लूट का अध्यादेश- के सी त्यागी
बाईस दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से जहां बिल्डर समुदाय और कॉरपोरेट घराने गदगद हैं वहीं दूसरी ओर किसान फिर पुरानी शंकाओं से भयभीत हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली कुशल अधिवक्ता हैं, वे अपनी सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों को बड़ी चतुराई से शब्दों का ताना-बाना बुन कर किसानों के हित में बताने का विफल प्रयास कर रहे हैं। पर शायद...
More »घर छोड़ने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...
More »