हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा है कि इनेलो की कांग्रेस सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति की आलोचना महज राजनीति से प्रेरित है। इनेलो आधे अधूरे तथ्य परोसकर अपना राजनीतिक हित साधने का प्रयास कर रही है। विद्रोही ने कहा कि वास्तविकता यह है कि गुड़गांव निगम क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण मुआवजे के तहत एक एकड़ जमीन पर किसानों को 72 लाख रुपये नकद मिलेंगे। वहीं यदि...
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किसान-सरकार साझेदारी का मॉडल
भू-अर्जन कानून 1894 में मामूली सा संशोधन कर ग्रामसभा की भूमि का उपयोग बदले जाने के बावजूद भारत के गांवों के किसानों एवं भूमिहीनों के वंशजों का भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है। इस संशोधन का नाम सक्रिय समूहों ने किसान-सरकार साझेदारी तय किया है। अगस्त में उत्तर प्रदेश के जिरकपुर हुए किसान आंदोलन के बाद विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने एक स्वर में भू-अर्जन कानून 1894 में संशोधन की मांग की थी। मामला...
More »किसानों को बांटा 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज
सरकार ने सोमवार को कहा कि बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 90,000 करोड़ रुपये का ऋण किसानों को वितरित किया है। सरकार ने वित्तवर्ष 2010-11 के लिए किसानों को 3,75,000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि वित्तवर्ष 2010-11 में जून 2010 तक देश भर में किसानों को 89,687 करोड़ रुपये का कृषि ऋण...
More »यूपी में गन्ने के एसएपी में 40रुपये की रिकॉर्ड बढ़त
चालू पेराई सत्र (2010-11) के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य (एसएपी) में 40 रुपये प्रति क्विंटल की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी है। इसके चलते राज्य में अगैती प्रजाति के लिए गन्ने का एसएपी 210 रुपये, सामान्य प्रजाति के लिए 205 रुपये और अनुपयुक्त प्रजाति के लएि 200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। गन्ने के मूल्य में किसी भी राज्य या केंद्र सरकार ने यह अभी...
More »रोटी की बहस और बहस की जमीन- चंदन श्रीवास्तव
सलाह मिल गयी है. खाद्य-सुरक्षा विधेयक का मसौदा अपनी परिणति तक आ पहुंचा है. लोग जान गये हैं कि यूपीए सरकार ना सही सबको तो भी कम-से-कम 80 फ़ीसदी लोगों को सस्ता अनाज देने जा रही है. लोग खुश हैं या नहीं, कहा नहीं जा सकता. भोजपुरी में एक कहावत है-ये सूरदास घीव कड़कड़ाईल बा और सूरदास का जवाब कि थरिया में पड़ो तब नू. खाद्य-सुरक्षा के मामले में जनता-जनार्दन...
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