नईदुनिया एक्सक्लूसिव, रायपुर (ब्यूरो)। फसल आधारित बीमा में किसानों की मेहनत की कमाई की 200 करोड़ रु. से अधिक की राशि निजी बीमा कंपनियों की जेब में जाने वाली है। ऐसा सरकार से कृषि ऋण लेने वाले किसानों पर जबरिया लादी गई फसल बीमा योजना की वजह से होने वाला है। इस बात को लेकर किसान खासे चिंतित हैं कि उन्हें बीमा की शर्तों के हिसाब से क्षतिपूर्ति नहीं मिलने...
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PPP पर ग्रोथ का दारोमदार लेकिन वित्त मंत्रालय ने ही उठाए कई सवाल
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) पर बड़ा दांव तो लगा दिया है लेकिन इस व्यवस्था पर अब वित्त मंत्रालय ने ही कई सवाल खड़े कर दिए हैं। वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने निजी कंपनियों पर आरोप लगाया है कि ये प्रोजेक्ट्स की ऊंची बोलियां लगाती हैं। पिछले दिनों कैग की रिपोर्ट में भी यह कहा गया था कि निजी कंपनियां प्रोजेक्ट्स...
More »फूलों की खेती से हुए मुनाफे ने पाटा किसानों का कर्ज
सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। आदिवासी इलाकों के किसानों के लिए फूलों की खेती मुनाफे का धंधा साबित हुई। जो किसान गेहूं-चना-सोयाबीन के अलावा कुछ दूसरा बोने की सोच ही नहीं पाए थे। वे अब नई तकनीक से जुड़कर फूलों की खेती कर रहे हैं। कम खर्च में बडा मुनाफा होने से यह खेती किसानों को कर्ज से उबारने में मिल का पत्थर साबित हुई। चोरल के आसपास के करीब पांच...
More »वंचित भारत की कहानी- इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट की जुबानी
‘अतुल्य भारत' के भीतर एक वंचित भारत रहता है,दलित और आदिवासी समुदाय इसी वंचित भारत के वासी हैं। क्या इस वंचित भारत का निर्माण राज्यसत्ता के हाथों जीवन के लिए जरुरी बुनियादी सेवा-सामानों से लोगों को बेदखल करके हुआ है? जैसा कि नाम से ही जाहिर है,इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट 2013-14 का एक निष्कर्ष यह भी है! (कृपया देखें नीचे दिया गया रिपोर्ट की भूमिका की लिंक) मिसाल के लिए इन...
More »दामोदर की जीवन रेखा को चाहिए जीवन दान- उमा(धनबाद)
-आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम पर संकट के बादल- बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा को नियंत्रित करते हुए जीवन को रोशन करने के मकसद से 66 साल पहले 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आयी आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की जीवन रेखा आज जीवन दान के लिए तरस रही है. 27 मार्च, 1948 को डीवीसी का गठन भारत के संसद...
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