चार साल के दौरान पुलिस अधीक्षक, अपर कलेक्टर, इंजीनियर जैसे तमाम अधिकारियों सहित लगभग 200 सरकारी कर्मचारियों की खुदकुशी छत्तीसगढ़ में फैले भ्रष्टाचार और उस पर सरकारी संवेदनहीनता की तरफ इशारा करती है. राजकुमार सोनी की रिपोर्ट. केस- एक भारतीय पुलिस सेवा के 2002 बैच के अफसर एवं बिलासपुर जिले में पुलिस कप्तान की हैसियत से तैनात राहुल शर्मा ने इस साल 12 मार्च, 2012 को खुदकुशी कर ली थी. उन्होंने पुलिस ऑफिसर्स...
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जनाक्रोश का अश्वमेधी घोड़ा- योगेंद्र यादव
जनसत्ता 7 जनवरी, 2012: जंतर मंतर से दूर दो छवियां मेरे मन में अटक गई हैं। पहली छवि मेरी कॉलोनी की लड़कियों और महिलाओं के छोटे-से प्रदर्शन की है। किसी के हाथ में मोमबत्ती है, किसी के हाथ में तख्ती। पल भर को हैरत हुई, क्योंकि इन महिलाओं को मैंने अब तक सात-सबेरे बच्चों को स्कूल-बस में चढ़ाते, जाड़े की धूप में स्वेटर बुनते या फिर दोपहर बाद के किसी भी...
More »इस आंदोलन के निहितार्थ- आनंद प्रधान
जनसत्ता 3 जनवरी, 2012: दिल्ली की वह बहादुर लड़की शरीर और मन पर हुए प्राणांतक घावों के बावजूद जीना चाहती थी। देश के करोड़ों लोग भी यही चाहते थे। लेकिन वह लड़ते हुए एक शहीद की तरह चली गई। यह सही है कि वह भारतीय समाज में स्त्रियों के खिलाफ होने वाली बर्बर यौन हिंसा और भेदभाव की पहली शहीद नहीं है और न आखिरी। उसके जाने के बाद भी दिल्ली,...
More »पदोन्नति में आरक्षण का प्रश्न-उदित राज
जनसत्ता 27 दिसंबर, 2012: पदोन्नति में आरक्षण का विवाद अभी थमा नहीं है और निकट भविष्य में थमने वाला भी नहीं है। पिछले अठारह दिसंबर को राज्यसभा ने पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए एक सौ सत्रहवां संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित कर दिया था। दूसरे दिन यानी उन्नीस दिसंबर को इसे लोकसभा को पारित करना था। समाजवादी पार्टी के विरोध के कारण कई बार लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।...
More »किसानों की बर्बादी की योजना- देविंदर शर्मा
इससे अधिक नुकसानदेह और कुछ नहीं हो सकता। चीनी से नियंत्रण हटाने की योजना है। इससे गन्ना उगाने वाले किसान शुगर मिलों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। रंगराजन कमेटी द्वारा गन्ने के स्टेट एडवाइस्ड प्राइस (एसएपी) को खत्म करने के सुझाव के बाद अब किसानों को फेयर एंड रेमुनेरेटिव प्राइस (एफआरपी) पर निर्भर रहना होगा। एफआरपी का निर्धारण केंद्र सरकार करती है और यह राज्य सरकारों द्वारा तय किए जाने...
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