पटना: राज्य सरकार ने निम्न व मध्यम आय वर्ग के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए अब बाजार दर पर जमीन खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए भूमि बैंक की स्थापना की जायेगी और यह बैंक जरूरत के हिसाब से आवासीय भूखंडों के लिए सरकार को जमीन उपलब्ध करायेगा. राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. मंत्रिमंडल की बैठक...
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नये मध्यवर्ग का चरित्र- पवन के वर्मा
भारत का युवा गणतंत्र संकट में है, और भारतीय मध्य-वर्ग इसमें मुखर प्रतिभागी और हाशिये पर खड़ा दर्शक बना हुआ है. इस द्वैध के कई कारण हैं. इतिहास में किसी वर्ग के लिए यह असामान्य नहीं रहा है कि वह अपने अंदर कहीं बड़ी संभावना रखता हो, लेकिन आम तौर पर उससे बेखबर हो तथा उस बड़ी भूमिका को निभाने के लिए उसकी उतनी तैयारी भी न हो. सामाजिक रूपांतरण की...
More »विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह
जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
More »परिवर्तन के लिए पूर्वाभ्यास- प्रभु जोशी
जनसत्ता 23 मई, 2014 : इन चुनाव परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि नरेंद्र मोदी अपने दल से बड़े हैं। वे मालवा की इस कहावत के चरितार्थ हैं कि‘दस हाथ की कंकड़ी में बीस हाथ का बीज’। उनके ऐसा ‘वैराट्य’ ग्रहण करते ही उनका दल छिलके की तरह नीचे गिर गया है। वे स्वयंसिद्ध सत्ता की उस धार में बदल चुके हैं, जिसे अब दल की पुरानी आडवाणी-अटल छाप म्यान...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
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