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अरविंद पानागढ़िया हो सकते हैं नीति आयोग के उपाध्यक्ष

नई दिल्ली। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पानागढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष हो सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ दिनों में आयोग के बाकी पदाधिकारियों के नामों को अंतिम रूप दे सकते हैं। योजना आयोग के खात्मे के बाद सामने आया यह नया आयोग हफ्ते भर के भीतर अपना कामकाज शुरू कर देगा। पानागढ़िया भी योजना आयोग के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्हें मोदी का समर्थक...

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अरविंद पानागढ़िया हो सकते हैं नीति आयोग के उपाध्यक्ष

नई दिल्ली। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पानागढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष हो सकते हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले कुछ दिनों में आयोग के बाकी पदाधिकारियों के नामों को अंतिम रूप दे सकते हैं। योजना आयोग के खात्मे के बाद सामने आया यह नया आयोग हफ्ते भर के भीतर अपना कामकाज शुरू कर देगा। पानागढ़िया भी योजना आयोग के मुखर आलोचक रहे हैं। उन्हें मोदी का समर्थक...

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कंपनी बड़ी या देश-- अरविन्द कुमार सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रुगमैन ने दो दशक पहले शोध पत्रिका हॉवर्ड बिजनेस रिव्यू में ‘देश एक कंपनी नहीं है' शीर्षक से शोध-पत्र लिखा था। यह शोध-पत्र उस दौर में प्रकाशित हुआ था, जब भुगतान संतुलन की बीमारी से दो-चार हो रही भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठन की अगुआई में नवउदारवादी नीतियां थोपी जा रही थीं। हर तरफ आर्थिक सुधारों की मार्फत अर्थव्यवस्था को...

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प्लेटों के आने की आवाज तो आ रही है, खाना नहीं आ रहा : अरुण शौरी

अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे प्रख्यात पत्रकार अरुण शौरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम काज पर सवाल उठाया है. ‘इंडियन एक्सप्रेस' के साथ बातचीत में उन्होंने बड़ी बेबाकी से प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली, योजना आयोग, संस्कृत भाषा के मुद्दे और केंद्र में राजनीतिक नियुक्तियों पर कटाक्ष टिप्पणियां की हैं. उनकी इस टिप्पणी से नरेंद्र मोदी सरकार के छह महीने के कार्यकाल में कुछ खास नहीं होने...

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विश्व राजनीति के दावं-पेच में चित हुआ कच्चा तेल

प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...

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