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300 लखपतियों की पंचायत है बांक

देवघर के मोहनपुर प्रखंड का सबसे समृद्घशाली पंचायत है यह. घोरमारा पेड़ा बाजार है इस पंचायत का प्रमुख उद्योग. देश-विदेश के लोग रुकते हैं पंचायत में. उमेश यादव मोहनपुर प्रखंड का बांक पंचायत. इस पंचायत की नाम जितनी छोटी है, दर्शन उतने ही बड़े हैं. तीन प्लेटफॉर्म वाला रेलवे स्टेशन, स्टेट हाइवे, डाकघर, दो-दो बैंक शाखाएं, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, उच्च विद्यालय, डाक बंगला, बड़े-बड़े तालाब, एक महीने में 10 करोड़ से अधिक...

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"छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश का मॉडल बेहतर"- आरपी सिंह

झारखंड के राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) के निदेशक राम प्रताप सिंह (आरपी सिंह) अपनी जिम्मेवारियों के प्रति संवेदनशील व समय के पाबंद हैं. गांव के विकास से जुड़े हर बिंदु पर वे मौलिक राय रखते हैं और इसे साझा भी करते हैं. तीन दशकों बाद जब झारखंड में पंचायत राज निकाय का गठन हुआ, तो उसे गति देने के लिए क्षमतावान अधिकारियों की जरूरत महसूस की गयी. ऐसे में...

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मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण

मीडिया स्टडीज ग्रुप का सरकारी हिंदी वेबसाइट का सर्वेक्षण सरकार की वेबसाइटों पर हिंदी की घोर उपेक्षा दिखाई देती है। हिंदी को लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग व संस्थान के साथ संसद की वेबसाइटों के एक सर्वेक्षण से यह आभास मिलता है कि सरकार को हिंदी की कतई परवाह नहीं हैं। सर्वेक्षण में शामिल वेबसाइटों के आधार पर यह दावा किया जा सकता है कि हिंदी भाषियों के एक भी मुकम्मल सरकारी वेबसाइट...

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योजना की आड़ में खिलवाड़- निराला की रिपोर्ट(तहलका, हिन्दी)

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के मूल उद्देश्य का सत्यानाश करके बिहार में कई निजी अस्पतालों ने सिर्फ पैसा कमाने के लिए 16 हजार महिलाओं की बच्चेदानी निकाल दी. निराला की रिपोर्ट. एक आदमी सपरिवार सफर में था. ट्रेन में पहुंचा. उसकी सीट पर कुछ लफंगे पहले से बैठे थे. सीट से हटने को लेकर बहस हुई. लफंगों ने आदमी को एक तमाचा जड़ दिया. उस आदमी ने कहा, ‘मुझे मार दिया लेकिन मेरी...

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नन्हे हाथों में हथियार- रतनदीप चौधरी की रिपोर्ट.

घटते स्थानीय जनसमर्थन के चलते मणिपुर के भूमिगत विद्रोही संगठन अब बच्चों का अपहरण करके उन्हें जंग में झोंक रहे हैं.रतनदीप चौधरी की रिपोर्ट.  इंफाल के सिंगजामी में रहने वाले वाई राकेश मीति इन दिनों बेहद डरे हुए हैं. वे कहते हैं, ‘मणिपुर के लोग टकराव के बीच रहने के आदी हो चुके हैं. लेकिन पिछले तीन महीने की कहानी अलग है. आज मेरे जैसे तमाम मां-बाप भय के साये में जी रहे हैं.'उनका...

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